Shimla: आरट्रैक ने मनाया 35वां स्थापना दिवस, 18 जांबाजों और 3 सर्वश्रेष्ठ प्रतिष्ठानों को मिला बड़ा सम्मान
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 04:34 PM (IST)

शिमला (संतोष): सेना प्रशिक्षण कमान आरट्रैक ने अपना 35वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। समारोह के दौरान आरट्रैक के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लैफ्टिनैंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने 18 विशिष्ट उपलब्धि प्राप्तकर्ताओं को आरट्रैक जीओसी-इन-सी प्रशंसा प्रमाण पत्र, जीओसी-इन-सी स्पोर्ट्स बैनर और 3 प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों को वर्ष के लिए वित्तीय उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किए। इस दाैरान समकालीन और भविष्य की युद्ध प्रणाली को समर्पित आरट्रैक की वार्षिक पत्रिका पिनैकल के 24वें संस्करण का विमोचन भी किया गया।
आरट्रैक की स्थापना 1 अक्तूबर, 1991 को महू में की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण और आधुनिक युद्ध के सोच विचार केंद्रित एक केंद्रीय एजैंसी बनाना था। 31 मार्च, 1993 को शिमला आने के बाद इसकी भूमिका में बड़ी वृद्धि हुई है। अब आरट्रैक देशभर में फैले 34 श्रेणी ए प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में संस्थागत प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों के लिए निरंतर मार्गदर्शन देता है। अन्य महत्वपूर्ण भूमिकाओं में भारतीय सेना को सैद्धांतिक सहायता प्रदान करना और युद्ध संचालनात्मक योजना में प्रतिद्वंदी दृष्टिकोण लाना शामिल है।
लैफ्टिनैंट जनरल देवेंद्र शर्मा ने कहा कि आरट्रैक की सारी कोशिशें भारतीय सेना के परिवर्तन का दशक और तकनीकी आत्मसात का वर्ष पहल के अनुरूप हैं। आरट्रैक 2030 तक अपने पाठ्यक्रम में 34 नई तकनीकों को शामिल करने के रास्ते पर है। इस वर्ष 18,000 सैनिकों को उन्नत प्रशिक्षण दिया गया है और अगले वर्ष 12,000 और सैनिकों की योजना है। ड्रोन प्रशिक्षण की गति भी तेज की गई है, जिसमें हर सैनिक के हाथ में के विजन के अनुरूप योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी ओएएस प्रशिक्षण निर्देश की समयावधि द्विवार्षिक से चौवर्षिक कर दी गई है, जिससे दीर्घकालिक समरूपता सुनिश्चित हो सके। आरट्रैक द्वारा तैयार की गई पहली सीओएएस चौवर्षिक प्रशिक्षण निर्देशिका (2025-29) 1 अप्रैल, 2025 को जारी की गई थी।