Shimla: बरसात से HRTC को 100 करोड़ का घाटा, कर्मचारियों को नहीं मिला वेतन
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 05:56 PM (IST)

शिमला (राजेश): एचआरटीसी में कर्मचारियों व पैंशनर्ज की सैलरी सरकार पर निर्भर हो गई है। बरसात के अढ़ाई माह में निगम को प्रदेश भर में करीब 100 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है, जिससे निगम की वित्तीय स्थिति पर असर हुआ है। निगम की वित्तीय स्थिति खराब होने से जहां अगस्त माह की पैंशन सितम्बर में पैंशनर्ज को नहीं मिली है, वहीं अभी तक इस महीने का वेतन जारी नहीं किया है। यही नहीं पैंशनर्ज की पिछले दो महीने की पैंशन लंबित हो गई है। निगम प्रबंधन ने राज्य सरकार से अतिरिक्त ग्रांट की मांग की है। निगम प्रबंधन चाहता है कि दीवाली के त्यौहार पर सभी को समय पर वेतन व पैंशन जारी हो।
निगम को हर महीने 46 करोड़ रुपए तो केवल कर्मचारियों के वेतन के लिए ही चाहिए होते हैं। इसी तरह 23.50 करोड़ रुपए मासिक पैंशन के लिए चाहिए होते हैं। पैंशनर्ज की संख्या करीब 8500 है। सरकार हर महीने एचआरटीसी को ग्रांट इन एड जारी करती है। सितम्बर महीने में सरकार ने निगम को 56 करोड़ रुपए का बजट जारी किया था। 46 करोड़ रुपए वेतन पर खर्च होने के बाद निगम पैंशन नहीं दे पाया। ऐसे में निगम प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था अपनाते हुए केवल 65 वर्ष की आयु से ऊपर वाले पैंशनर्ज को ही पैंशन जारी की, बाकियों की पैंशन अभी लंबित है।
पैंशनर्ज अब आंदोलन की तैयारी में, 15 को मुख्यालय में प्रदर्शन
15 अक्तूबर को एचआरटीसी पैंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले निगम मुख्यालय के बाहर धरना- प्रदर्शन करेंगे। संगठन के महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने बताया कि इसको लेकर निगम प्रबंधन को ज्ञापन भेज दिया है। इसके लिए उन्होंने चालक, परिचालक सहित अन्य यूनियनों का भी सहयोग मांगा है। पैंशनर्ज ने सरकार को चेतावनी दी कि उनकी मांगों को नहीं माना जाता तो वे आने वाले दिनों में अपने आंदोलन को तेज करेंगे।
65 वर्ष की आयु से ऊपर वाले पैंशनर्ज में भी आधों को पैंशन
पैंशनर्ज का कहना है कि अगस्त माह की पैंशन में निगम प्रबंधन ने 65 वर्ष से अधिक आयु वालों को पैंशन जारी की है, लेेकिन प्रदेश भर में कई पैंशनर्ज ऐसे हैं जिनकी आयु 65 वर्ष से अधिक है उन्हें भी अगस्त माह की पैंशन नहीं मिली है। ऐसे में 65 वर्ष से अधिक आयु वाले पैंशनर्ज भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। पैंशनर्ज का आरोप है कि उन्हें पिछले करीब एक साल से समय पर पैंशन नहीं मिल रही है। ऐसे में उन्हें घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रोजमर्रा के खचों, दवाइयों और परिवार का निर्वाह करने में कठिनाई हो रही हैं।