Shimla: हिमाचल को मिले दो नए केंद्रीय विद्यालय, विभाग में भरे जा रहे 13000 पद
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 06:25 PM (IST)

शिमला (प्रीति): शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल को केंद्र सरकार से दो नए केंद्रीय विद्यालय मिले हैं। ये विद्यालय शिमला जिला के कोटखाई और सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में खोले जाएंगे। इनके खुलने से प्रदेश में केंद्रीय विद्यालयों की कुल संख्या 28 हो जाएगी। यहां आयोजित प्रैस वार्ता में उन्होंने कहा कि राजीव डे बोर्डिंग स्कूल योजना के तहत भी काम जारी है। कांगड़ा जिला में 5 से 6 स्कूलों का कार्य जारी है। इसका मकसद आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कूल स्थापित करना है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में अब तक 7,000 भर्तियां की जा चुकी हैं। इसके अलावा 3101 पदों को चयन आयोग को भेजा गया है। वहीं से टीजीटी के 900 से अधिक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया नवम्बर में शुरू होगी और 600 जेबीटी पदों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा है कि विभाग में आऊटसोर्स पर एनटीटी और आया के लगभग 13,000 पदों को भी भरा जा रहा है। एनटीटी के 6200 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। एनसीटीई के नियमों के तहत ही यह भर्ती होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार का फोकस क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने पर है। इसी कड़ी में 100 स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षकों के अलग कैडर बनाने पर विचार चल रहा है।
छात्र संघ के चुनाव को लेकर यथावत रहेगा फैसला
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि छात्र संघ के चुनाव को लेकर पूर्व में रही कांग्रेस सरकार ने फैसला लिया था। इसके बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। उन्होंने भी इस फैसले को यथावत रखा और इस बार भी इस फैसले को सरकार यथावत रखेगी।
आपदा से प्रदेश के स्कूलों को लगभग 50 करोड़ का नुक्सान
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि प्रदेश के स्कूलों को इस आपदा से लगभग 50 करोड़ का नुक्सान हुआ था। शिक्षा विभाग ने स्कूलों की मुरम्मत के लिए 16 करोड़ का बजट जारी किया है। इसके अलावा आपदा से निपटने के लिए वर्ल्ड बैंक का प्रोजैक्ट आया है। इसमें से स्कूलों को प्राथमिकता के आधार पर बजट दिया जा सकता है। इसके अलावा एसडीआरएफ के तहत और अगले वित्त वर्ष के बजट में इसके लिए प्रावधान किया जाएगा।
वर्ष 2023 की आपदा के भी 2000 करोड़ में से 400 करोड़ मिले
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि केंद्र की ओर से वर्ष 2023 की आपदा के दौरान जो घोषणा की गई थी, उसका भी पूरा पैसा अभी तक नहीं मिला। इस दौरान 2000 से अधिक बजट देने की घोषणा की गई थी, लेकिन प्रदेश को पहली किस्त के तहत 400 करोड़ ही मिला है। हालांकि इस बार केंद्र सरकार ने 1500 करोड़ की घोषणा की है, लेकिन इसमें से भी अभी तक कोई पैसा नहीं आया है।
प्रधानाचार्य की प्रमोशन को लेकर आयोग ने लगाई आपत्ति
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि स्कूलों में प्रधानाचार्य की प्रमोशन को लोक सेवा आयोग को पैनल भेजा गया है, लेकिन आयोग ने इसको लेकर कुछेक आपत्तियां लगाई हैं, जिसे दरुस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि स्कूलों में कलस्टर प्रणाली लागू की गई है। इससे स्कूलों में प्रधानाचार्य का कार्य बढ़ गया है। ऐसे में स्कूलों में जल्द प्रधानाचार्य देने का प्रयास रहेगा।
मामले पर जल्द बुलाई जाएगी बैठक
स्कूलों में कलस्टर प्रणाली को लागू करने का विरोध प्राथमिक शिक्षक कर रहे हैं। इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा है कि मामले पर जल्द अधिकारियों की बैठक बुलाई जाएगी।
एसएमसी की एलडीआर माध्यम से भर्ती करवाने को लेकर स्कूल शिक्षा बोर्ड को लिखा जाएगा पत्र
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि एसएमसी शिक्षकों की एलडीआर माध्यम से भर्ती करवाने को लेकर स्कूल शिक्षा बोर्ड को पत्र लिखा जाएगा। इसके तहत प्रारंभिक शिक्षा में 1300 पद भरे जाएंगे। कम्प्यूटर शिक्षकों पर भी फैसला लिया जाएगा।
केंद्रीय विद्यालय में लगभग 80 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा
उन्होंनेे कहा कि प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में लगभग 80 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, विद्यालयों के निर्माण और संबंधित कार्यों से श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। रोहित ठाकुर ने प्रदेश सरकार की मांग और सिफारिशों को समर्थन प्रदान करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि ये नए विद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत प्री-प्राइमरी स्तर से शिक्षा प्रदान करेंगे। इस निर्णय से राज्य के हजारों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं के निकटतम विकल्प सुनिश्चित होंगे और शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को अन्य स्थानों पर पलायन की आवश्यकता भी कम होगी।