मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखा तो RDA अध्यक्ष को सस्पैंड करने की दी धमकी

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2019 - 10:45 PM (IST)

शिमला: मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखने पर आर.डी.ए. के अध्यक्ष को नौकरी से सस्पैंड करने की धमकी देने का मामला सामने आया है। आर.डी.ए. के अध्यक्ष डा. अजय जरियाल ने धमकी देने का आरोप विशेष स्वास्थ्य सचिव पर लगाया है। उनका कहना है कि उन्हें नौकरी से सस्पैंड करने की धमकी मिली है। रैजीडैंट डाक्टरों को अस्पताल में कमरा तक नहीं मिल रहा है, ऐसे में मजबूरन डाक्टरों को बैंच पर सोना पड़ रहा है। कई बार रैजीडैंट डाक्टरों ने इस समस्या से स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन को भी अवगत करवाया लेकिन उनके लिए एक कमरे तक का प्रावधान नहीं हो पाया, ऐसे में 2 सप्ताह पहले आर.डी.ए. के अध्यक्ष अजय जरियाल ने मजबूरन मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखा था। हालांकि पत्र को मानव अधिकार आयोग को भेजा नहीं था। जरियाल का कहना है कि विशेष स्वास्थ्य सचिव निपुण जिंदल ने उन्हें धमकी दी है कि अगर दोबारा से पत्र लिखा तो नौकरी से चार्जशीट या फिर सस्पैंड किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से लगाई गुहार

जरियाल का कहना है कि रैजीडैंट डाक्टर आई.जी.एम.सी. सहित के.एन.एच. में 36 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं। जब उन्हें एक कमरा तक नसीब नहीं होगा तो वे ड्यूटी कैसे देंगे। अस्पतालों में इस तरह से रैजीडैंट डाक्टरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आर.डी.ए. ने प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग को कमरा न मिलने को लेकर एक साल में 15 पत्र लिखे हंै। अजय जरियाल ने कहा कि जब एक अधिकारी द्वारा छात्रों को इस तरह की धमकी दी जा रही है तो ऐसे में छात्र अपने हित की लड़ाई कैसे लड़ पाएंगे। यू.आर.डी.ए. सहित रैजीडैंट डाक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार से गुहार लगाई है कि ऐसी चीजों पर रोक लगाई जाए। अगर छात्रों को ऐसे ही धमकियां मिलती रहीं तो अस्पतालों में काम करना मुश्किल हो जाएगा।

नहीं दी किसी को धमकी

वहीं विशेष स्वास्थ्य सचिव निपुण जिंदल ने कहा कि मैंने किसी को कोई धमकी नहीं दी है। मेरे ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। अगर इस तरह का कोई मामला आया है तो मैं उससे निपटने के लिए बिल्कुल तैयार हूं। इस तरह के आरोप लगाना उचित नहीं है।


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Vijay

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