ऊना में खनन माफिया के सामने उद्योग विभाग के हाथ खड़े, अधिकारियों पर बरसा चुके गोलियां, पुलिस से मांगी मदद
punjabkesari.in Tuesday, Jul 30, 2024 - 09:44 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): अवैध खनन रोकने के लिए राज्य सरकार की तरफ से कड़ा रुख अपनाए जाने के बाद उद्योग विभाग हरकत में आ गया है। इसके तहत उद्योग विभाग ने ऊना जिला में अवैध खनन की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनाती की मांग की है। निदेशक उद्योग की तरफ से इस बारे एसपी ऊना को लिखे पत्र में स्वां नदी में अवैध खनन के बढ़ते मामलों का उल्लेख किया गया है। पत्र में लिखा गया है कि स्वां नदी पर संतोषगढ़, बाथरी, खानपुर, फतेहपुर, नानग्रान और रामपुर क्षेत्र में अवैध खनन की शिकायतें मिल रही हैं।
उनका कहना है कि उनके पास फील्ड स्टाफ की भारी कमी है, जिसे देखते हुए पुलिस फोर्स की आवश्यकता है। लिहाजा ऐसे में संवेदनशील क्षेत्रों में जल्द पुलिस तैनाती की आवश्यकता है, ताकि अवैध खनन की बढ़ती गतिविधियों को रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि स्वां नदी सहित प्रदेश के अन्य नदी बेसिन पर अवैध खनन के मामले सामने आते रहे हैं। इस दौरान कई अधिकारियों पर हमले भी हुए तथा कई जगह गोलीबारी तक की घटनाएं सामने आई हैं। इस स्थिति में बिना पुलिस की मदद से अवैध खनन को रोकना मुश्किल है।
अवैध खनन के मुद्दे पर बागियों पर निशाना साध चुके हैं सीएम
अवैध खनन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कांग्रेस छोड़कर भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े कुछ बागियों पर निशाना साध चुके हैं। उनका आरोप है कि उनकी तरफ से इस तरह की गतिविधियों को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा पूर्व भाजपा सरकार के समय खनन के नाम पर 100 करोड़ रुपए घोटाला होने का आरोप भी लगाया था, जिसमें बिना माइनिंग लीज के कई स्टोन क्रशर चल रहे थे।
कांग्रेस-भाजपा दोनों सरकारों में उठ चुका है मामला
कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारों के समय में अवैध खनन का मामला उठता रहा है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के अलावा विधानसभा में भी इस मामले की गूंज सुनाई दी है। आरोप यह भी है कि अवैध खनन की ऐसी गतिविधियों में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त प्रभावशाली लोग इससे जुड़े हैं, जिनके तार पड़ोसी राज्यों से भी जुड़े हैं।
उपचुनाव के समय ईडी व आयकर विभाग ने की थी छापेमारी
विधानसभा उपचुनाव के समय ईडी और आयकर विभाग की रेड भी हुई थी, जिसमें हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले कुछ लोगों पर आरोप लगे थे। इस मुद्दे पर भाजपा ने सरकार व मुख्यमंत्री को घेरने का प्रयास भी किया था, जिसका सत्तारूढ़ दल की तरफ से राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर ने संयुक्त पत्रकार वार्ता करते हुए जवाब भी दिया था। दोनों मंत्रियों का आरोप था कि उपचुनाव के समय ईडी व आयकर विभाग की रेड राजनीति से प्रेरित है।
पिछली बार 131 में से 68 स्टोन क्रशरों के पास नहीं थी अनुमति
पिछली बरसात के दौरान ब्यास बेसिन में 131 स्टोन क्रशरों में से 68 के पास अनुमति नहीं मिली थी। इसका खुलासा सरकार की तरफ से गठित मल्टी सैक्टर कमेटी की रिपोर्ट में हुआ था। इसके अतिरिक्त 7 क्रशर बाढ़ से प्रभावित पाए गए थे, जबकि 6 में भंडारण से संबंधित तथा अन्य अनियमितताएं पाई गई हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि ब्यास नदी का पर्यावरणीय संतुलन भारी दबाव में है।