Shimla: MP में 9 बच्चों की मौत पर हिमाचल अलर्ट, ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी जांच में जुटी
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 08:00 PM (IST)

शिमला (संतोष): एमपी के छिंडवाड़ा में 9 बच्चों की किडनी फेल से मौत मामले में हिमाचल भी अलर्ट हो गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने हिमाचल सरकार और राज्य ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी से पत्राचार करके दो कफ सिरप की जांच करने को कहा है। हालांकि इन कफ सिरप से मिलते जुलते अन्य सिरप के प्रोडक्शन पर अभी रोक लगा दी गई है। प्रदेश की ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी ने कुछ ऐसी कंपनियां की पहचान कर ली है, जिनकी दवा मध्य प्रदेश सप्लाई की गई। बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंडवाड़ा के परासिया ब्लॉक में बुखार के बाद किडनी फेल होने से 7 सितम्बर से अभी तक 9 बच्चों की मौत हो गई है। परिजनों के मुताबिक बच्चों को पहले बुखार और जुकाम हुआ, फिर किडनी में इंफैक्शन की समस्या हुई।
निजी अस्पतालों में भर्ती करवाने के बाद भी हालत बिगड़ती गई। नागपुर में इलाज कराया, लेकिन बच्चों की जान नहीं बच सकी। मध्य प्रदेश सरकार ने हिमाचल सरकार व ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी को कोल्ड्रिफ और नेक्सा डीएस सिरप की जांच करने को कहा। कोल्ड्रिफ तो हिमाचल में नहीं बन रहा और इसका निर्माण तमिलनाडु में होता है, जबकि नेक्सा डीएस का हिमाचल में उत्पादन हो रहा है। ड्रग कंट्रोलिंग अथॉरिटी ने एहतियातन इसका उत्पादन रोक दिया है। हालांकि यह अभी साफ नहीं हो पाया कि किस कंपनी के सिरप से बच्चों की जान गई है।
बताया जाता है कि मध्य प्रदेश सरकार की अब तक की जांच में सामने आया है कि बच्चों के बीमार पड़ने पर जो खांसी का सिरप दिया गया था, उसमें व्हीकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला कैमिकल एथिलीन ग्लाइकॉल और डाइएथिलीन ग्लाइकॉल मिला हुआ था, जोकि एक जहरीला कैमिकल है, जिसे गाड़ियों के कूलेंट और एंटी फ्रीज प्रक्रिया के लिए प्रयोग में लाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी थोड़ी-सी मात्रा भी किडनी और दिमाग को बुरी तरह नुक्सान पहुंचा देती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एमपी के स्वास्थ्य विभाग ने इन दोनों कफ सिरप का प्रोडक्शन रुकवाने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को पत्र लिखा है, जहां ये दवाएं बनती हैं। फिलहाल इन दवाओं के 13 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।
अथॉरिटी सक्रिय, सीडीएससीओ के साथ मिलकर जांच शुरू : मनीष
राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि एमपी सरकार से पत्र मिलते ही अथॉरिटी सक्रिय हो गई है। कफ सिरप में से एक तमिलनाडु में बनता है, जबकि एक हिमाचल में। इसके अलावा अन्य तीन-चार दवाओं की भी अथॉरिटी सीडीएससीओ के साथ जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल नेक्सा डीएस सिरप के उत्पादन पर रोक लगा दी गई है।