निजी हाथों में नहीं जाएगा बुक कैफे, CM जयराम ने दिया आश्वासन (Video)

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2019 - 04:44 PM (IST)

शिमला (योगराज): शिमला के टक्का बेंच में कैदियों द्वारा चलाए जा रहे बुक कैफे के निजीकरण को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार भी इस कैफे का व्यावसायिकरण करने के पक्ष में नहीं है। सरकार इस पर विचार करेगी क्योंकि यह कैफे अपनी अलग पहचान देश ही नहीं विदेश में भी बना चुका है। मुख्यमंत्री ने यह बात कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के मकसद से शिमला में जेेेल विभाग द्वारा आयोजित किए गए दो दिवसीय सम्मेलन 'जेलों में कैदियों की सकारात्मक व्यस्तता' विषय के समापन के मौके पर कही।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश का जेल विभाग डीजीपी सोमेश गोयल के नेतृत्व में कैदियों के पुनर्स्थापन के लिए सराहनीय काम कर रहा है। जयराम ने कहा कि कैदी भी समाज का है जो अधिकार आम आदमी के हैं। वहीं अधिकार कैदियों के भी हैं। ऐसी परिस्थिति में कैदियों को जिंदगी जीने की नई मौका दिया जाना चाहिए। कैदियों को प्रति समाज की एक अलग धारणा होती है जिसे बदलने की जरूरत है। हिमाचल कारागार विभाग इस दिशा में अच्छा काम कर रहा है। गलती किसी से भी हो सकती है कई बार अनजाने में भी अपराध हो जाता है जिसकी सजा लोगों को भुगतनी पड़ती है। जेल में जाने के बाद व्यक्ति अपनी जिंदगी को व्यर्थ मानने लगे जाता है।
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हिमाचल प्रदेश में अन्य राज्यों की तुलना में कानून व्यवस्था और अपराध काफी कम है और कैदियों की संख्या भी कम है लेकिन फिर भी जो कैदी जेल में है कारागार विभाग उनके पुनर्वास के लिए बहुत काम कर रहा है। आम लोगों की धारणा पुलिस के प्रति काफी अलग होती है लेकिन पुलिस मानवीय दृष्टिकोण से कैदियों को समाज से जोड़ने का सराहनीय प्रयास कर रहा है। कारागार विभाग की पहल कैदियों को पुनर्स्थापित करने के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है।
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डीजीपी जेल सोमेश गोयल ने कहा कि प्रदेश के 80% फीसदी कैदी अनपढ़ से 12 वीं पास है और उनकी उम्र भी 18 से लेकर 50 साल के बीच है। 2016 तक 58 हजार कैदियों को स्किल डेवलपमेंट किया गया। 9 हजार कैदियों को कंप्यूटर की शिक्षा दी गई। कैदियों के पुनर्वास के लिए कोई नीति निर्धारित नहीं है। 40 गुणा कमाई के साधन पिछले 6-7 सालों में प्रदेश के कैदियों के लिए बढ़ाए गए हैं। वहीं सोमेश गोयल ने शिमला बुक कैफे को निजी हाथों में न देने की मांग भी मुख्यमंत्री जयराम से की, ताकि इसकी पहचान पहले की तरह की बरकरार रहे। मुख्यमंत्री जयराम ने इस दौरान जेल विभाग की 'कॉफी बुक टेबल' का विमोचन भी किया।


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