जयराम ने दे दिया था नए कोट-पैंट का ऑर्डर, मुख्यमंत्री बनने के देख रहे थे सपने : मुख्यमंत्री

punjabkesari.in Sunday, May 05, 2024 - 07:35 PM (IST)

कुमारहट्टी/कुनिहार (नवीन/नेगी): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए अपने 6 पूर्व विधायकों पर कहा कि मंत्री बनने के चक्कर में उन्होंने अपने सदस्यता भी गंवा दी। राज्यसभा का चुनाव जीतने के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ इन 6 में से 3 ने नए कोट-पैंट का ऑर्डर दे दिया था। जयराम ठाकुर जहां मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे थे, वहीं इन 3 को भी लग रहा था कि अब वे भी मंत्री बनेंगे, जबकि अन्य 3 को चेयरमैन बनाने का लॉलीपॉप दिया गया था। मुख्यमंत्री ने कसौली निर्वाचन क्षेत्र के पट्टा बरावरी में जनसभा को करते हुए कहा कि राज्यसभा का चुनाव जीतने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दूसरे दिन ही राज्यपाल से मिलने चले गए। उन्हें लग रहा था कि अब वह मुख्यमंत्री बनने वाले हैं लेकिन उन्हें दल-बदल कानून की जानकारी तो नहीं थी। होती भी कैसे, 5 वर्ष अपने मुख्यमंत्री काल में वह सोए रहे। जिन 6 विधायकों के दम पर वह उछल रहे थे तो उनकी सदस्यता उसी दिन ही चली गई। विधायक वर्तमान से पूर्व हो गए। जनता इन 6 भाजपा प्रत्याशियों को कभी माफ नहीं करेगी। कांग्रेस सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव जीतेगी। उसके बाद 3 निर्दलीय विधायकों के विधानसभा क्षेत्र में भी चुनाव होना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने हिमाचल में खरीद-फरोख्त की राजनीति शुरू कर राज्य की संस्कृति को कलंकित किया है। पार्टी से गद्दारी कर 6 कांग्रेस विधायक राजनीतिक मंडी में बिके और अब खरीद-फरोख्त की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाने की जिम्मेदारी प्रदेश के मतदाताओं की है। कांग्रेस के पास धन बल नहीं है, बल्कि जन बल ही पार्टी की ताकत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी से गद्दारी करने के बाद बिके हुए विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर भागते रहे। जिस दिन बजट पास होना था, उस दिन चंडीगढ़ से सीआरपीएफ की सुरक्षा में आए और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने विधानसभा का गेट तोड़ दिया। दागियों ने विधानसभा में आकर अपनी हाजिरी लगाई और बजट पर वोट किए बिना फिर भाग गए। फिर दागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो कोर्ट ने भी उन्हें माफी देने से मना कर दिया। एक दिन अचानक दागियों ने दिल्ली जाकर भाजपा का पटका पहन लिया। ऐसा पहली बार है जब निर्दलीय विधायक हाथ में इस्तीफा लेकर घूम रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं और कोर्ट जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राजनीतिक साजिशों से घबराने वाले नहीं हैं। आम परिवार से निकला एक बेटा लड़ाई लड़ना चाहता है। उनकी लड़ाई नशा माफिया, खनन माफिया और भू-माफिया से है और वह प्रदेश वासियों के हितों की हर हाल में रक्षा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के समय भाजपा नेताओं ने प्रभावित परिवारों को पीठ दिखाई, जबकि मैंने राजधर्म निभाया। भाजपा नेताओं से दिल्ली चलकर आपदा प्रभावितों को आर्थिक मदद दिलाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों को फिर से बसाने के लिए 4500 करोड़ रुपए का पैकेज दिया। सांसद सुरेश कश्यप ने आपदा प्रभावितों को आर्थिक मदद दिलाने के लिए एक भी डीओ लैटर नहीं लिखा।
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Content Writer

Vijay

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