मांगों को लेकर सड़कों पर उतरीं आंगनबाड़ी वर्कर्ज, PM-CM को भेजे मांग पत्र

punjabkesari.in Tuesday, Jul 10, 2018 - 09:48 PM (IST)

चम्बा: केंद्र व राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की दिशा में प्रभावी कदम नहीं उठाए तो सितम्बर माह में खंड से जिला स्तर पर हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ आंदोलन की राह पर चल पड़ेगा। इसमें धरना-प्रदर्शन व रैलियां शामिल रहेंगी। मंगलवार को डी.सी. चम्बा को इस बारे में मांग पत्र सौंपते हुए भारतीय मजदूर संघ से संबंधित हिमाचल प्रदेश आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने यह बात कही। बी.एम.एस. की जिला इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष खैंखो राम ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस मौके पर डी.सी. के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया।
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मांग पत्र में ये मांगें हैं शामिल
खैंखो राम ने बताया कि मांग पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व प्रतिमाह न्यूनतम वेतन 18,000 व 9,000 रुपए करने की मांग को प्रमुखता से शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पी.एफ., पैंशन, ग्रैच्युटी व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ग को मासिक रिपोर्ट ऑनलाइन भेजने का खर्च उपलब्ध करवाया जाए तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को उम्र का बंधन हटाते हुए शत-प्रतिशत पदोन्नत किया जाए।  इससे पूर्व जिला मुख्यालय में रैली निकाली गई जोकि डी.सी. कार्यालय में जाकर सम्पन्न हुई। उधर, जिला मुख्यालय में सीटू के बैनर तले आंगनबाड़ी वर्कर्ज एवं हैल्पर्ज एसोसिएशन ने मांग दिवस के रूप में इस दिन को मनाया।  इस मौके पर सीटू से संबंधित इस वर्ग ने जिला मुख्यालय में रैली निकाली और डी.सी. चम्बा को अपना मांग पत्र सौंपा।
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भटियात में भी गरजीं आंगनबाड़ी वर्कर्ज
वहीं भटियात उपमंडल मुख्यालय में चुवाड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने इकाई प्रधान बबीता की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर एक रैली निकाली। उन्होंने अपनी मांगों के संदर्भ में एस.डी.एम. भटियात बचन सिंह को मांग पत्र सौंपा। इस बारे जानकारी देते हुए बबीता ने बताया कि सरकार ने इस वर्ग के प्रति उदासीन रवैया अपनाए रखा है जिस वजह से इस वर्ग की मांगें लंबे समय से लंबित पड़ी हुई हंै। यूनियन की सचिव रेखा टंडन ने बताया कि मांग पत्र में यह भी मांग की गई है कि प्राथमिक स्कूलों में नर्सरी की कक्षाओं को बंद कर यह व्यवस्था आंगनबाड़ी केंद्रों को दी जाए तथा उन्हें वेतन भी हरियाणा की तर्ज पर दिया जाए।


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Vijay

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