Financial crisis: कर्मचारियों को वेतन व पैंशन के लिए करना होगा इंतजार
punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 08:50 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार के लिए समय पर कर्मचारियों को वेतन एवं पैंशन का भुगतान करना चुनौती बन गया है। इसी स्थिति को भांपते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपने (सीएम), मंत्रियों, सीपीएस, अध्यक्ष-उपाध्यक्ष एवं कैबिनेट रैंक प्राप्त नेताओं के वेतन-भत्तों को 2 माह के लिए विलंबित करना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश पर इस समय करीब 86,589 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिससे आज ये हालात पैदा हुए हैं। राज्य सरकार वर्तमान हालात के लिए केंद्र से उदार वित्तीय मदद न मिलने एवं पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय प्रबंधन को दोषी ठहरा रही है। ऐसे में सरकार को अब वेतन एवं पैंशन देने के लिए अलग से दिन निर्धारित करने पड़ सकते हैं। हालांकि अब तक की सूचना के अनुसार ट्रेजरी की तरफ से कर्मचारियों के वेतन व पैंशनरों की पैंशन के बिल क्लीयर हो चुके हैं। फिर भी आगामी दिनों में कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 तारीख और पैंशनरों को पैंशन के लिए 10 तारीख तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
वित्तीय संकट का एक कारण यह भी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश विधानसभा में वित्तीय संकट के कारण गिनवाए। इसमें एक कारण वर्ष 2023-24 के राजस्व घाटा अनुदान का 8,058 करोड़ रुपए से इस वर्ष 1,800 करोड़ रुपए कम होना है यानी यह अब कम होकर 6,258 करोड़ रुपए हो गया है। अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में यह 3,000 करोड़ रुपए और कम होकर 3,257 करोड़ रुपए रह जाएगा। पीडीएनए के करीब 9,042 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से नहीं मिले हैं। एनपीएस अंशदान के लगभग 9,200 करोड़ रुपए पीएफआरडीए से केंद्र सरकार से प्राप्त नहीं हुए हैं। इसी तरह जीएसटी मुआवजा जून, 2022 के बाद मिलना बंद होने से भी सरकार की परेशानी बढ़ी है क्योंकि इससे प्रतिवर्ष लगभग 2,500-3,000 करोड़ रुपए की आय कम हो गई है। ओपीएस बहाल करने के कारण भी करीब 2,000 करोड़ रुपए का कम ऋण सरकार को मिल रहा है।