Shimla: डिप्टी सीएम अग्निहोत्री की देखरेख में चलेगा वोट चोर-गद्दी छोड़ हस्ताक्षर अभियान
punjabkesari.in Wednesday, Oct 01, 2025 - 06:12 PM (IST)

शिमला (राक्टा): हिमाचल में वोट चोर-गद्दी छोड़ हस्ताक्षर अभियान के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने संयोजक व सह संयोजक के साथ ही जिलावार पर्यवेक्षक नियुक्ति किए हैं। इसके तहत उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को संयोजक और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप सिंह राठौर काे सह संयोजक नियुक्त किया है। ऐसे में दोनों नेताओं पर अभियान को सफल बनाने की अहम जिम्मेदारी रहेगी। साथ ही पार्टी हाईकमान ने 2 मंत्रियों और 10 विधायकों को जिला पर्यवेक्षक का जिम्मा सौंपा है। पार्टी हाईकमान ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को जिला किन्नौर और टीसीपी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी को जिला बिलासपुर का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
इसी तरह विधायक अनुराधा राणा को जिला लाहौल एवं स्पीति, विधायक हरीश जनारथा को शिमला, विधायक विनोद सुल्तानपुरी को सोलन, विधायक विवेक शर्मा को ऊना, विधायक सुरेश कुमार को हमीरपुर, विधायक किशोरी लाल को कांगड़ा, विधायक नीरज नैय्यर को चम्बा, विधायक चंद्रशेखर को मंडी, विधायक भुवनेश्वर गौड़ को कुल्लू और विधायक अजय सोलंकी को जिला सिरमौर का पर्यवेक्षक लगाया है। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य रजनी पाटिल के अनुसार यह नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू मानी जाएंगी। हस्ताक्षर अभियान की पूरी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी को सौंपनी होगी, जिसके बाद उसे पार्टी हाईकमान को सौंपा जाएगा। इस अभियान के माध्यम से कांग्रेस पार्टी हर गांव, हर गली और हर घर तक पहुंचने का प्रयास करेगी।
लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला
कांग्रेस पार्टी के अनुसार यह अभियान लोकतंत्र की रक्षा और जनता की आवाज को मजबूत करने के लिए चलाया जा रहा है तथा नियुक्त पर्यवेक्षक अपने-अपने जिलों में हस्ताक्षर अभियान की निगरानी करेंगे। पार्टी का आरोप है कि चुनाव में जनादेश को चुराकर सत्ता में बने रहना लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है, जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।
प्रदेश, जिला व ब्लॉक कमेटियां चल रहीं भंग
कांग्रेस की प्रदेश से लेकर जिला व ब्लॉक कमेटियां बीते नवम्बर माह से भंग चल रही हैं। ऐसे में वोट चोर-गद्दी छोड़ हस्ताक्षर अभियान को बिना संगठन धरातल पर गति देना आसान राह नहीं होगी और इसे सफल बनाने का जिम्मा मंत्रियों और पार्टी विधायकों पर रहेगा। गौर हो कि कुछ नेता संगठन के नए सिरे से गठन न होने पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं।