मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखना RDA के अध्यक्ष को पड़ा महंगा, मिली यह धमकी

punjabkesari.in Saturday, Mar 16, 2019 - 10:03 AM (IST)

 शिमला(योगराज): मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखने पर आरडीए के अध्यक्ष को नौकरी से सस्पेंड करने की धमकी देने का मामला सामने आया है। रैजिडैंट डॉक्टर के अध्यक्ष डा. अजय जरियाल ने धमकी देने का आरोप विशेष स्वास्थ्य सचिव पर लगाया है। जरियाल का कहना है कि उन्हें नौकरी से सस्पेंड करने की धमकी मिली है। रैजिडैंटस डाक्टर को अस्पताल में कमरा तक नहीं मिल रहा है। ऐसे में मजबूरन डाक्टर को बैंच पर सोना पड़ रहा है। कई बार रैजिडैंट डाक्टर ने स्वास्थ्य विभाग सहित प्रशासन को अवगत भी करवाया, लेकिन उन्हें एक कमरा तक का प्रावधान नहीं हो पाया। ऐसे में 2 सप्ताह पहले आर.डी.ए. के अध्यक्ष अजय जरियाल ने मजबूरन मानव अधिकार आयोग को पत्र लिखा था।
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हालांकि पत्र को मानव अधिकार आयोग को भेजा नहीं था। जरियाल का कहना है कि विशेष स्वास्थ्य सचिव निपूण जिंदल ने उन्हें धमकी दी है कि अगर दोबारा से पत्र लिखा तो नौकरी से चार्जशीट या फिर सस्पेंड किया जाएगा। जरियाल का कहना है कि रैजिडैंटस डॉक्टर आई.जी.एम.सी. सहित के.एन.एच. में 36 घंटे ड्यूटी दे रहे है। जब उन्हें एक कमरा तक नसीब नहीं होगा तो वह ड्यूटियां कैसे देंगे। अस्पतालों में इस तरह से रैजिडैंटस डाक्टर को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आर.डी.ए. ने प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग को कमरा न मिलने को लेकर एक साल में 15 पत्र लिखे है।
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किसी भी अधिकारी ने यह नहीं सोचा कि डाक्टर जब 36 घंटे की ड्यूटियां दे रहे है तो उन्हें एक कमरा तो दे दिया जाए। अजय जरियाल ने कहा कि जब एक अधिकारी द्वारा छात्रों को इस तरह की धमकी दी जा रही है तो ऐसे में छात्र अपने हित की लड़ाई कैसे लड़ पाएगे। यू.आर.डी.ए. सहित रैजिडैंटस डाक्टर ने स्वास्थ्य मंत्री विपीन सिंह परमार से गुहार लगाई है कि ऐसी चिजों पर रोक लगाई जाए। ताकि छात्र अपनी मांगे सरकार तक पहुंचा सके और सभी डॉक्टर अस्पताल में अपना कार्य ठीक से कर सके। अगर छात्रों को ऐसी ही धमकी मिले तो अस्पतालों में काम करना मुश्किल हो जाएगा।


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kirti

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