Sirmour: रेणुका जी बांध की तमाम आपत्तियां क्लीयर कर मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट
punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2024 - 09:58 PM (IST)
नाहन (आशु): राष्ट्रीय महत्व की रेणुका जी बांध परियोजना का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। चूंकि हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) ने बांध निर्माण के लिए फाेरैस्ट क्लीयरैंस की तमाम आपत्तियों को लगभग क्लीयर कर दिया है। साथ ही अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को भी भेज दी है। बता दें कि फाेरैस्ट क्लीयरैंस को लेकर मंत्रालय की तरफ से कुछ आपत्तियां लगाई गई थीं। बताया जा रहा है कि बांध निर्माण कार्य के लिए लगभग सभी बाधाएं अब क्लीयर हो चुकी हैं। लिहाजा जल्द ही मंत्रालय की तरफ से बांध निर्माण को लेकर हरी झंडी मिलने की उम्मीद है।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ओर से शीघ्र ही बांध निर्माण को लेकर प्रोजैक्ट मैनेजमैंट कंसल्टैंट की नियुक्ति भी की जा सकती है। माना जा रहा है कि यह नियुक्ति होते ही अंतिम डिजाइन पर मुहर लगने के बाद पहले फेज के निर्माण के लिए ग्लोबल टैंडर आमंत्रित होंगे। सूत्रों की मानें तो यह टैंडर 3 से 5 महीने के भीतर ऑनलाइन प्रक्रिया के लिए प्रकाशित होंगे। टैंडर प्रक्रिया पूरी होते ही बांध के पहले फेज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
बता दें कि रेणुका जी बांध परियोजना जिला सिरमौर में यमुना नदी की सहायक गिरि नदी पर प्रस्तावित है। बांध परियोजना विद्युत उत्पादन के साथ-साथ पेयजल की भी आपूर्ति करेगी। इस बांध से देश की राजधानी दिल्ली के लिए पानी की सप्लाई होगी। इससे करीब दिल्ली की 40 फीसदी आबादी की पानी की समस्या दूर होगी। वहीं हिमाचल को 40 मैगावाट बिजली मिलेगी।
डेढ़-डेढ़ किलोमीटर की बनेंगी टनल्स
बांध प्रबंधन के अनुसार बांध निर्माण से पहले शुरू होने वाले पहले फेज में तीन डायवर्सन टनल्स का निर्माण किया जाएगा। ये तीनों टनल्स डेढ़-डेढ़ किलोमीटर लम्बी होंगी। इन टनल्स के माध्यम से ही मुख्य गिरि नदी के जल प्रवाह को बदलकर बांध का निर्माण किया जाएगा।
148 मीटर ऊंचा होगा बांध
ये प्रस्तावित बांध 148 मीटर ऊंचा होगा, जो रॉकफिल बांध होगा। यहां 24 किलोमीटर लम्बी झील बनेगी। 1508 हैक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा। परियोजना से क्षेत्र की करीब 20 पंचायतों के लगभग 41 गांव प्रभावित होंगे। बता दें कि दिसम्बर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बांध का शिलान्यास किया गया था, लेकिन फोरैस्ट क्लीयरैंस न मिल पाने के कारण अब तक बांध का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया। अब फोरैस्ट क्लीयरैंस की सभी आपत्तियों को लगभग दूर कर रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी गई है।
’एचपीपीसीएल निदेशक हरिकेश मीणा का कहना है कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से फोरैस्ट क्लीयरैंस को लेकर जताई गई आपत्तियों को दूर कर दिया गया है। रिपोर्ट मंत्रालय को भेज दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही बांध निर्माण को लेकर स्टेज-2 की क्लीयरैंस मिल जाएगी। बांध परियोजना में डिजाइन कंसल्टैंट केंद्रीय जल आयोग है। जैसे ही कंसल्टैंट ड्राइंग देगा, इसके बाद डायवर्सन टनल के निर्माण के लिए ग्लोबल टैंडर आमंत्रित किए जाएंगे।