Himachal: लाहौल की पहाड़ियों में हिम तेंदुआ, आईबैक्स जैसे दुर्लभ वन्य हुए कैद, निचले इलाकों का कर रहे रुख

punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 10:16 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। लाहौल की बर्फीली पहाड़ियों में इन दिनों कई दुर्लभ वन्य जीवों की उपस्थिति देखी जा रही है। खास बात यह है कि इन वन्य जीवों की मौजूदगी उन स्थानों पर दर्ज की गई है, जहां पहले वन्य जीवन का पता नहीं था। उदाहरण के तौर पर, जोबरंग गांव के पास स्थित पहाड़ों पर, जो दिखने में जंगल नहीं लगते, वहां हिम तेंदुआ, आईबैक्स (टंगरोल), और हिमालयन थार जैसे दुर्लभ वन्य जीव कैमरे में कैद हुए हैं।

स्थानीय शोधार्थी दीपेंद्र ओथंगबा और अमीर जस्पा ने सोमवार को जोबरंग के पहाड़ों पर हिम तेंदुए को देखा और उसे अपने कैमरे में कैद किया। इससे पहले, 8 फरवरी को दीपेंद्र ने आईबैक्स और हिमालयन थार के साथ हिम तेंदुआ भी कैमरे में रिकॉर्ड किया था। इसके अलावा, यांगला पुल के ऊपर भी कुछ दिन पहले एक मादा हिम तेंदुआ अपने दो शावकों के साथ बर्फ में चलती हुई स्थानीय लोगों के मोबाइल कैमरों में कैद हुआ था।

हिम तेंदुआ एक ऐसा प्राणी है, जो 3,000 से 5,000 मीटर की ऊंचाई पर विचरण करता है। यह बर्फीली और ऊंची पहाड़ियों में पाया जाता है। इस क्षेत्र में हिम तेंदुआ के अलावा कस्तूरी मृग, हिमालयन थार, तिब्बतियन बुल्फ, घोरल, काला और भूरा भालू जैसी अन्य दुर्लभ प्रजातियां भी देखी गई हैं।

सर्दियों के दौरान, पहाड़ों के ऊपरी हिस्सों में पानी जमा हो जाता है, जिससे वन्य जीवों को पानी की कमी होती है। इस वजह से वे प्यास बुझाने और भोजन की तलाश में निचले इलाकों की ओर आ जाते हैं। यही कारण है कि इन दुर्लभ प्रजातियों का कैमरे में आना अब सामान्य हो गया है।

लाहौल के अनिकेत मारुति वानवे, वन मंडलाधिकारी ने कहा कि हिम तेंदुआ मुख्य रूप से भारत में लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में पाया जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे पैंथेरा उनिया के नाम से जाना जाता है और यह नस्लीय बिल्ली प्रजाति का स्तनधारी वन्य जीव है। 


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Content Editor

Jyoti M

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