Kangra: हाईकोर्ट के निर्णय पर पूर्व विधायक ने जताई खुशी, बाेले-मंदिरों के विकास के साथ धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 05:30 PM (IST)

पालमपुर: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मंदिरों को दान की गई धनराशि के दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया जोकि दानदाताओं के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार शर्मा ने इस निर्णय पर गहन प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यदि शिखर पहाड़ी पर स्थित सिद्ध शक्ति पीठ माता आदि हिमानी चामुंडा मंदिर में दान की गई राशि का सदुपयोग होता, तो यह कांगड़ा जिले का वैष्णो देवी मंदिर की तरह सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन केंद्र बन जाता। प्रवीण कुमार ने मंदिर की लगभग 10 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि इस मार्ग पर एक भी वर्षाश्रय नहीं है। यदि यात्रा के दौरान मौसम खराब हो जाए तो तूफान और बारिश में यात्री भीगते हुए मंदिर पहुंचते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में सराय भी नाममात्र की है जोकि श्रद्धालुओं के लिए बड़ी असुविधा का कारण बनी हुई है।
पूर्व विधायक ने आदि हिमानी और चामुंडा नंदीश्वर मंदिरों के निर्माण कार्य पर भी चिंता जताई। उन्हाेंने कहा कि कई वर्षों से अधूरे पड़े इन मंदिरों के लिए सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से हाथ पीछे खींच लिया है। विशेष रूप से चामुंडा नंदीश्वर मंदिर की स्थिति देखकर मां के दानवीर भक्त निराश हैं। हालांकि, अब दानदाता भक्तों ने मंदिर के अधूरे कार्य को पूरा करने का बीड़ा उठा लिया है, जिसके परिणामस्वरूप निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर तेज हो गया है।
प्रवीण कुमार ने उच्च न्यायालय के इस कदम को दानदाताओं के लिए राहत बताया और उम्मीद जताई कि इससे मंदिरों का विकास तेज होगा तथा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह निर्णय न केवल धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखेगा, बल्कि जनता के विश्वास को भी मजबूत करेगा।