Kangra: NPA को अगले 6 महीनों में कम करके की जाएंगी बैंक में कर्मचारियों की भर्तियां : जफर

punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 07:37 PM (IST)

धर्मशाला (जिनेश): कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित आने वाले समय में बैंक के एनपीए को अगले 6 महीने में कम कर बैंक में भर्तियां और पदोन्नतियां करेगा, जोकि वर्ष 2017 से नहीं हो पाई हैं। यह बात सोमवार को कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित के प्रबंध निदेशक जफर इकबाल ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बैंक की एचआर पाॅलिसी को भी मजबूत किया जाएगा, जोकि अभी तक बैंक में लागू नहीं है। एचआर पाॅलिसी को लागू करने के बाद सक्षम अधिकारियों व कर्मचारियों को उनकी योग्यता अनुसार काम करवाया जा सके, साथ ही डैजिग्नेटिड ऑफिसर को हर विभाग में कमान दी जाएगी जिससे कि वह शाखा स्तर के अधिकारियों पर भी चैक रख सकें।

इकबाल ने कहा कि बैंक में एसओपी बनाई जाएगी, जिससे कि भविष्य में हर चीज लोन से लेकर एचआर पाॅलिसी आदि पर निर्धारित एसओपी के तहत कार्य किया जा सके। हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। यदि कोई अधिकारी गलती करता है तो उस पर भी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने जानकारी दी कि बैंक का सकल एनपीए जोकि 2022 में 29.8 प्रतिशत था, वह मौजूदा समय कम होकर 19 प्रतिशत रह गया है। इसे और कम किए जाने की दिशा में काम किया जाएगा।

वर्तमान में 809 करोड़ की एनपीए
मौजूदा समय में 809 करोड़ रुपए एनपीए है। वहीं, बैंक के पास 651 करोड़ रुपए का अलग से प्रावधान है। बैंक मजबूत स्थिति में है और ग्राहकों को डरने की आवश्यकता नहीं है।

हर साल बढ़ रही है बैंक की जमा राशि
के.सी.सी.बी. के प्रबंध निदेशक ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 से लेकर मौजूदा समय तक की जमा धनराशि हर वर्ष बढ़ी है। 31 मार्च, 2022 को 12,647 करोड़ रुपए जमा राशि थी। 31 मार्च, 2023 को यह बढ़कर 13,354 करोड़, 31 मार्च, 2024 को 14,155 करोड़, जबकि 31 मार्च, 2025 को 14,888 करोड़ पहुंच गई। वहीं इस वित्त वर्ष में 30 सितम्बर, 2025 तक यह राशि बढ़कर 15,433 करोड़ पहुंच गई है। इनमें रिटेल बैंकर के 9,841 करोड़, जबकि सहकारी सभाओं के 5,591 करोड़ रुपए जमा हैं। 31 मार्च, 2022 तक 4,147 करोड़, 31 मार्च, 2023 तक 4,162 करोड़, 31 मार्च, 2024 तक 4,305 करोड़, जबकि 31 मार्च, 2025 तक 4,424 करोड़ रुपए, जबकि 30 सितम्बर, 2025 तक 4,246 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है।

एनपीए भी हर वर्ष कम हुआ है। 31 मार्च, 2022 तक 1227 करोड़ था, जो 31 मार्च, 2023 तक 1128 करोड़ रह गया। 31 मार्च, 2024 तक 986 करोड़, 31 मार्च, 2025 तक 862 करोड़ जबकि 30 सितम्बर, 2025 तक 809 करोड़ रुपए रह गया है। नाबार्ड की वर्ष 2023 की रिपोर्ट का उन्होंने भी अध्ययन किया है। इसके आधार पर ही सरकार ने बोर्ड को भंग किया है, साथ ही प्रशासनिक अधिकारी को तैनात किया है।

 


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Kuldeep

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