नौकरशाहों के शाही ठाठ, मंत्रिमंडल की बैठक के लिए हैलीकॉप्टर से पहुंचे धर्मशाला

punjabkesari.in Saturday, Feb 03, 2018 - 09:42 PM (IST)

शिमला: हिमाचल पर 47 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया है लेकिन अफसरशाही अपना शाही ठाठ छोडऩे को तैयार नहीं हैं। जयराम सरकार द्वारा धर्मशाला में बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने के लिए कुछ ब्यूरोक्रेट्स धर्मशाला के लिए हैलीकॉप्टर से रवाना हुए। नौकरशाहों को लेकर हैलीकॉप्टर ने शनिवार सुबह करीब 9 बजे शिमला से उड़ान भरी। इसी हैलीकॉप्टर से नौकरशाहों के वापस शिमला आने की भी सूचना है। कंपनी ने हैलीकॉप्टर का किराया 2 लाख रुपए प्रति घंटे तय कर रखा है। 

दोनों दलों की सरकारों में अफसरशाही की ठाठ
प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस रही हो या फिर भाजपा दोनों दलों की सरकारों में अफसरशाही की ठाठ रही है। बीते 8 जनवरी को भी सरकार के शीतकालीन विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए नौकरशाह पवनहंस कंपनी के हैलीकॉप्टर से धर्मशाला पहुंचे थे। कुछ अफसरों की तो बीवियां भी उस दौरान साथ मौजूद थीं। विधानसभा सत्र के लिए अफसर भले ही हैलीकॉप्टर में धर्मशाला आ गए लेकिन उनकी गाडिय़ां भी धर्मशाला खाली गईं। उस दौरान नौकराशाह को धर्मशाला छोडऩे के बाद हैलीकॉप्टर मुख्यमंत्री को लेने बगस्याड़ गया। इसी तरह बीते दिनों कुछ नेताओं के लिए भी हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया।

मुकेश अग्निहोत्री उठा चुके हैं सवाल 
अफसरों के हैलीकॉप्टर में सफर पर कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री  सवाल उठा चुके हैं। इसकी परवाह किए बगैर नौकरशाह फिर से हैलीकॉप्टर में धर्मशाला गए हैं। हैलीकॉप्टर से धर्मशाला जाने वालों में अतिरिक्त मुख्य सचिव व प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। कुछ अफसर शुक्रवार को ही सड़क मार्ग से होते हुए धर्मशाला गए हैं। आमतौर पर हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल मुख्यमंत्री के लिए या फिर विशेष परिस्थिति में किया जाता रहा है लेकिन प्रदेश में नेताओं और नौकरशाह के लिए इसका प्रयोग महंगा सौदा साबित हो रहा है। 

विशेष परिस्थितियों में होना चाहिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल
एक ही दिन में बार-बार की उड़ानों में सरकारी खजाना खाली हो रहा है जबकि विपक्ष में रहते हुए भारतीय जनता पार्टी फिजूलखर्ची को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरती रही है। मुख्यमंत्री जयराम सरकार को इस तरह की फिजूलखर्ची रोकनी होगी। इसके लिए उन्हें सख्ती दिखानी होगी। हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही होना चाहिए।


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