Shimla: डिपुओं में राशन कार्ड डुप्लीकेशन में सरकार ने लाई पारदर्शिता

punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 05:19 PM (IST)

शिमला (राजेश): सस्ते राशन के डिपुओं में राशन कार्ड ई-केवाईसी प्रकिया से प्रदेश सरकार ने राशन कार्ड डुप्लीकेशन में पारदर्शिता लाई है। सरकार ने ई-केवाईसी प्रक्रिया को अपनाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को और अधिक दक्षतापूर्ण और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत आधार कार्ड नंबर को राशन कार्ड से लिंक किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल पात्र लोगों को ही मिले।

ई-केवाईसी होने से फर्जी या अपात्र लोगों को पीडीएस से बाहर करने और पात्र परिवारों को सबसिडी युक्त अनाज और अन्य लाभ पहुंचाने में मदद मिल रही है। ई-केवाईसी प्रक्रिया मई 2022 में शुरू हुई और पूरे प्रदेश में संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करने में इसकी अहम भूमिका है। मई 2022 से जनवरी 2023 तक करीब 60 प्रतिशत पीडीएस लाभार्थियों ने उचित मूल्य की दुकानों पर अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करवाई।

प्रदेश के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने खुद का ई-केवाईसी एप्लीकेशन जुलाई 2023 में लॉन्च किया। इसके बाद जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक ई-केवाईसी करवाने वालों की संख्या 77 प्रतिशत हो गई। चेहरे से सत्यापन की सुविधा शुरू होने से ई-केवाईसी की दर जुलाई, 2024 में 77 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2025 तक 97 फीसदी हो गई है। आधार सत्यापन ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पूरी तरह से रूपांतरित कर दिया है।

दुर्गम व पहाड़ी क्षेत्रों में आई समस्या, लेकिन मोबाइल एप से सरल हुई प्रक्रिया
ई-केवाईसी के लिए दुर्गम और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले कई लोगों को उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचने में असुविधा या सत्यापन के दौरान फिंगरप्रिंट का मिलान न होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके समाधान के लिए प्रदेश सरकार ने एक मोबाइल एप लॉन्च की, ताकि लाभार्थी आधार द्वारा चेहरे की पहचान के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकें। इससे दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे परिवारों के लिए यह प्रक्रिया सरल हो गई, क्योंकि उन्हें अब उचित मूल्य की दुकानों पर जाने की जरूरत नहीं रही।


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Kuldeep

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