निजी शिशु अस्पताल के खिलाफ सामने आया एक और परिवार, CM हैल्पलाइन पर चौथी शिकायत दर्ज

punjabkesari.in Saturday, Feb 29, 2020 - 05:09 PM (IST)

ऊना (अमित): 2 बच्चों की मौत के बाद सुर्खियों में आए ऊना के निजी शिशु अस्पताल के खिलाफ अब एक और शिकायत दर्ज हो गई है। बता दें उक्त अस्पताल के खिलाफ पहले ही 3 शिकायतें दर्ज हैं तथा अब यह चौथी शिकायत शिमला निवासी ललित जोकि पिछले 6 वर्षों से ऊना में नौकरी रहे हैं, उन्होंने सीएम हैल्पलाइन में दर्ज करवाई है तथा डॉक्टर के खिलाफ जांच की मांग की है। शिकायतकर्ता के अनुसार उक्त अस्पताल के डॉक्टर द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने के चलते उनके बच्चे की मौत हो गई थी।

शिकायतकर्ता ने बताया कि वर्ष 2018 में उनके बेटे को दस्त लगे थे, जिस पर वे बच्चे को लेकर उक्त निजी शिशु अस्पताल में गए लेकिन डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही बरती और बच्चे को रैफर कर दिया। जब वे बच्चे को लेकर रैफर किए गए निजी अस्पताल में पहुंचे तो डॉक्टरों ने उनके बच्चे को मृत बताया। शिकायतकर्ता   की मानें तो रैफर करते समय डॉक्टर ने उन्हें कोई भी दस्तावेज नहीं दिया था, जिस कारण उस समय उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

बता दें कि 26 फरवरी को 2 बच्चों की मौत होने के बाद उक्त अस्पताल के खिलाफ परिजनों ने सीएम हैल्पलाइन पर शिकायतें की हैं, इसमें एक शिकायतकर्ता ने बच्चे के इलाज में लापरवाही के कारण मौत और मौत होने के बावजूद बच्चे को रैफर करने का आरोप जड़ा था। वहीं दूसरे मामले में परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया था। वहीं इससे पहले 3 फरवरी को भी सीएम हैल्पलाइन पर इसी अस्पताल के खिलाफ एक महिला ने उनके बच्चे का जबरन इलाज करने और दुव्र्यवहार करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे।

इन तीनों मामलों को लेकर 28 फरवरी को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में सीएमओ ऊना ने जांच भी की, जिसमें उक्त निजी अस्पताल के डॉक्टर को भी शामिल किया गया था लेकिन शिकायतकर्ता जांच से संतुष्ट नहीं थे और अस्पताल को बंद करवाने की मांग पर अड़े रहे। इस पर सीएमओ ऊना ने हैल्थ सैक्रेटरी को मामलों से अवगत करवाते हुए मैडीकल कॉलेज की उच्च स्तरीय टीम से जांच की सिफारिश की है।

वहीं सीएमओ ऊना डॉ. रमन शर्मा ने कहा कि तीन शिकायतों पर कार्रवाई अमल में लाई गई है और अगर कोई अन्य शिकायत आई तो उसकी भी जांच की जाएंगी। उन्होंने बताया कि हैल्थ सैक्रेटरी  से इन मामलों की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की गई है। सीएमओ ने माना कि अगर संबंधित अस्पताल की बार-बार शिकायतें आ रही हैं तो जरूर कोई न कोई दिक्कत होगी।


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Vijay

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