हाईकोर्ट ने सरकार को 15 माननीयों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की दी इजाजत

punjabkesari.in Saturday, Apr 27, 2024 - 12:02 AM (IST)

शिमला (मनोहर): हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को 15 माननीयों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की इजाजत दे दी है। इन माननीयों में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू , उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, विधायक कुलदीप सिंह राठौर, राकेश सिंघा, हरीश जनारथा, लोकेंद्र कुमार, रवि ठाकुर, जैनब चंदेल, जितेंद्र चौधरी, राजन सुशांत, मनीष ठाकुर, रजनी पाटिल, गुरप्रीत, तिलक राज और विजय अग्निहोत्री शामिल हैं। इन नेताओं के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में प्राथमिकियां दर्ज हैं और कोर्ट में ट्रायल लंबित है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सरकार द्वारा विधायकों अथवा सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने से जुड़े आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकारते हुए कहा कि सरकार ने आवेदन नेकनीयती से दायर किया है। प्रदेश के गृह विभाग ने कोर्ट से माननीयों के खिलाफ ऐसे 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जो सरकार के अनुसार माननीयों के खिलाफ राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे। 

कोर्ट ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ दर्ज 3, मुकेश अग्निहोत्री का 1, विक्रमादित्य सिंह के 3, अनिरुद्ध सिंह के 2, कुलदीप सिंह राठौर के 6, राकेश सिंघा के 26, जितेंद्र चौधरी, भुवनेश्वर गौड़ के 4, लोकिंदर कुमार के 3, अजय सोलंकी के 2 और राजन सुशांत, हरीश जनारथा, मनीष ठाकुर, रजनी पाटिल, जगत सिंह नेगी , निखिल कुमार, सतपाल रायजादा, मनोज कुमार, सुदर्शन, तिलक राज, राजेश धर्माणी, विजय अग्निहोत्री, नसीर रावत, विक्रम जरियाल, अभिमन्यु जरियाल, कुश कुमार, नीरज भारती, राकेश पठानिया, राजीव राणा, विपिन परमार, परवीन शर्मा, नरेंद्र कुमार, लोकेंद्र कुमार, मीरा ठाकुर, राम कृष्ण शांडिल, जैनब चंदेल व रवि ठाकुर के एक-एक मामले को वापस लेने की अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने सुक्खू के 3 में से 1 मामले को वापस लेने की इजाजत दे दी जबकि एक मामले में कोई अपराध ही नहीं बनता और एक मामले का निपटारा पहले ही किया जा चुका है। कोर्ट ने राकेश सिंघा के 26 में से 22, जितेंद्र चौधरी के 4 में से 3, लोकिंदर कुमार के 3 में से 2, जबकि विक्रमादित्य, अनिरुद्ध सिंह, भुवनेश्वर गौड़ सहित अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। विक्रम जरियाल, अभिमन्यु जरियाल, कुश कुमार और राकेश पठानिया के खिलाफ दर्ज एक-एक मामले का निपटारा पहले ही हो चुका है। 

सरकार द्वारा दायर आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया गया था कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत अन्य विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में आपराधिक मामले चल रहे हैं। सोलन व लाहौल-स्पीति में कोई भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। सरकार का कहना था कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ दर्ज किए गए ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं। आवेदन के माध्यम से अदालत को बताया गया था कि यह आवेदन किसी छुपे हुए उद्देश्य से दायर नहीं किया गया है। कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ 7 मामलों का निपटारा ही किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हाईकोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है और आदेश दिए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए।

कोविड के दौरान शांति भंग करने से जुड़े केस नहीं हाेंगे वापस
कोर्ट ने माननीयों के खिलाफ कोविड जैसी महामारी के संक्रमण के प्रति लापरवाही बरतते हुए सरकार के खिलाफ जुलाई, 2020 से दिसम्बर, 2020 के बीच प्रदर्शन करने, सरकारी काम में बाधा डालते हुए सरकारी कर्मचारियों के विरुद्ध बल प्रयोग करने, जनता को भड़काते हुए शांति भंग करने, रैलियां कर राष्ट्रीय और राजमार्गों को बाधित करने से जुड़े आपराधिक मामलों को वापस लेने की अनुमति देने से इंकार कर दिया जबकि अन्य राजनीति से प्रेरित छोटे मामलों को वापस लेने की अनुमति दे दी गई। वहीं कोर्ट के अनुसार पुतला जलाना कोई अपराध नहीं है, इसलिए सीएम के खिलाफ पुतला जलाने का मामला नहीं बनता। बाकी मंत्रियों के खिलाफ भी ज्यादातर मामले कोविड के दौरान लापरवाही बरतने और उस समय संक्रमण की स्थिति को न समझते हुए जनता के स्वास्थ्य और संपत्ति को खतरे में डालने के मामले दर्ज हैं, जिन्हे कोर्ट ने वापस लेने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि जनता के जीवन पर गंभीर प्रभाव को देखते हुए ऐसे मामलों में आरोपियों के खिलाफ मुकद्दमे चलाए जाने जरूरी हैं।
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Content Writer

Vijay

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