सुधीर शर्मा को AICC के सचिव पद से हटाया, राजेंद्र राणा का प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा

punjabkesari.in Wednesday, Mar 06, 2024 - 05:15 PM (IST)

शिमला (राक्टा): कांग्रेस हाईकमान ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट करने वाले बागियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पूर्व मंत्री रहे सुधीर शर्मा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से हटा दिया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणूगोपाल की तरफ से बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही विधानसभा सदस्यता गंवाने वाले बागी राजेंद्र राणा ने प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया। उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा भेजा है, जिसकी प्रतिलिपि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणूगोपाल, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह को प्रेषित की गई है। राजेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर भी यह जानकारी सांझा की है। वहीं एआईसीसी सचिव पद से हटाए जाने पर सुधीर शर्मा ने तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है। इसमें उन्होंने लिखा है कि भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। आगे लिखा है कि चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए वो ही शंहशाह। सुधीर की इस पोस्ट से स्पष्ट है कि वे भी अपने भविष्य की सियासी पारी को लेकर पूरी रणनीति तैयार कर चुके हैं। 

अन्याय सहना उतना ही अपराध, जितना अन्याय करना
सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर भगवद् गीता का एक श्लोक पोस्ट करते हुए लिखा है कि अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना। अन्याय से लड़ना आपका कर्त्तव्य है। उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय पंडित संतराम का भी उल्लेख करते हुए लिखा है कि जनहित के लिए हमेशा आगे खड़े रहना मेरे खून में है और मुझे विरासत में मिला है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार को सत्ता में लाने के लिए हमने दिन-रात कितनी मेहनत की थी, इस बारे हाईकमान ने भले ही अपनी आंखों में पट्टी बांध रखी हो लेकिन हिमाचल वासियों से हमारा संघर्ष छिपा नहीं है।

मुझे रास्ते से हटाने के लिए सुपारी तक दे दी
सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर डाली अपनी पोस्ट में लिखा है कि लगातार मुझे राजनीतिक तौर पर जलील किया जा रहा था। विकास के मामले में इलाके की अनदेखी की जा रही थी। नीचा दिखाने के लिए घिनौनी हरकतें की जा रही थीं। यहां तक कि मुझे रास्ते से हटाने के लिए पार्टी के भीतर ही किसी नेता ने कुछ ताकतों को सुपारी तक दे दी थी तो फिर खामोश कैसे बैठे जा सकता था। कायरों की तरह हम भीगी बिल्ली बनकर जनता के भरोसे को नहीं तोड़ सकते। हमने कई बार कड़वे घूंट भरे, विषपान भी किया। हिमाचल के हित और स्वाभिमान की मशाल को हम अंतिम सांस तक उठाकर चलेंगे। इस लौ को बुझने नहीं देंगे। अंत में लिखा है कि जय श्रीराम, जय हिमाचल, वंदे मातरम।

राज्यसभा चुनाव में थी क्रॉस वोटिंग
गौरतलब है कि कांग्रेस के 6 पार्टी विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की गई थी। इसके चलते कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है और सरकार पर भी सियासी संकट मंडराने लगा था। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने समय पर स्थिति काे संभालने के लिए पर्यवेक्षकों को भेजा, जो काफी हद तक इसमें कामयाब भी रहे। अब पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार और बागियों के तेवरों को देखते हुए हाईकमान ने उन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 
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Content Writer

Vijay

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