Shimla: हिमाचल भाजपा के 5 गुट, नड्डा-जयराम-अनुराग-बिंदल के साथ 1 और धड़ा : सुक्खू
punjabkesari.in Saturday, Nov 23, 2024 - 10:17 PM (IST)
शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया कि इस समय हिमाचल प्रदेश में भाजपा के 5 गुट बन गए हैं। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के अलावा जयराम ठाकुर, अनुराग ठाकुर व डा. राजीव बिंदल के अलग-अलग गुटों के अतिरिक्त 1 और धड़ा बन गया है। इन गुटों में आपस में सरकार के विरोध में बयान देने की होड़ लगी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू यहां पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे कड़े फैसलों का स्वाद मीठा होगा और इसका अहसास युवा पीढ़ी को आने वाले समय में होगा।
हम व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहे हैं तथा वर्ष 2032 में हिमाचल प्रदेश सबसे समृद्धशाली और अमीर राज्य होगा, जिसकी नींव वर्तमान सरकार ने रख दी है। सरकार ने अतिरिक्त राजस्व संसाधन जुटाकर 2,200 करोड़ रुपए कमाए हैं, जिससे 6 हजार निराश्रित बच्चों तथा विधवा व एकल महिलाओं के बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के साथ अपने पैरों पर खड़ा करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम ठाकुर ने सत्ता में रहते संपदा को लुटाने का प्रयास किया तथा पावर प्रोजैक्टों में हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व सरकार की कार्यप्रणाली के कारण ही प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में निचले स्तर तक पहुंचा।
नेता प्रतिपक्ष सच्चाई नहीं बताते, व्यक्तिगत हमले करते हैं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर प्रदेश की जनता को सच्चाई नहीं बताते, बल्कि वह उनके ऊपर व्यक्तिगत हमले करते हैं। उन्होंने कहा कि वह यह कभी नहीं बताएंगे कि मनरेगा की दिहाड़ी 60 रुपए बढ़ी तथा वर्तमान सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट में कर्मचारियों को पुरानी पैंशन का लाभ दिया।
सहयोग की जगह विरोध की राजनीति करती है भाजपा
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सहयोग की जगह विरोध की राजनीति करती है। विपक्ष बिना बात के टॉयलैट टैक्स व समोसों पर राजनीति करता है तथा उसका देश और प्रदेश के विकास से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा यह कभी नहीं बताएगी कि केंद्र में उनकी सरकार के रहते हुए देश में कितनी महंगाई बढ़ गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े कॉर्पोरेट समूहों का एकाधिकार ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह बढ़ता जा रहा है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक संरचना को खतरा हो सकता है।