Shimla: अध्यापक संघ ने शिक्षा सचिव को भेजे सुझाव, ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 31 दिन की दी जाएं छुट्टियां
punjabkesari.in Sunday, Dec 15, 2024 - 05:19 PM (IST)
शिमला (प्रीति): सरकार की ओर से जारी स्कूलों की छुट्टियों के प्रस्तावित शैड्यूल पर हितधारकों ने शिक्षा विभाग को अपने सुझाव भेजने शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषा अध्यापक संघ ने 52 दिवसीय अवकाश को लेकर अपने सुझाव शिक्षा सचिव को भेजे हैं। संघ ने 52 दिवसीय मौसम के अनुसार छुट्टियों को 2 प्रकार से निर्धारित करने की मांग की है। इनमें पूर्व निर्धारित या निश्चित समयावधि अवकाश और मौसमी स्थिति अनुसार जिलाधीश द्वारा निर्णित अवकाश तय करने की मांग की है। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पूर्व निर्धारित या निश्चित समयावधि अवकाश 26 मई से 25 जून तक 31 दिन का करने को कहा है, जबकि दीवाली पर 2 दिन पूर्व और 3 बाद 5 दिन की छुट्टियां देने को कहा है। इसके अलावा मौसमानुसार जिलाधीश द्वारा निर्णित शीतकालीन अवकाश 6 दिन और वर्षा या ग्रीष्म ऋतु मौसम आधारित 10 दिन करने का सुझाव दिया है। इसके तहत कुल वार्षिक अवकाश 52 दिन का ही रहेगा।
वर्षाकालीन स्कूलों में इस तरह दी जाएं छुट्टियां
वर्षाकालीन स्कूलों में पूर्व निर्धारित या निश्चित समयावधि अवकाश 16 जुलाई से 15 अगस्त तक 31 दिन का दिया जाए। दीवाली से 2 दिन पूर्व और 3 बाद 5 दिन का अवकाश व मौसमानुसार जिलाधीश द्वारा निर्णित शीतकालीन अवकाश 6 दिन, वर्षा व ग्रीष्म ऋतु मौसमाधारित अवकाश 10 दिन का दिया जाए। इसी तरह शीतकालीन स्कूलों में पूर्व निर्धारित या निश्चित समयावधिक अवकाश 1 जनवरी से 31 जनवरी तक 31 दिन, दीवाली से 2 दिन पूर्व और 3 बाद 5 दिन का अवकाश, मौसमानुसार जिलाधीश द्वारा निर्णित ग्रीष्म या वर्षाकालीन अवकाश 6 दिन और ऋतु मौसमाधारित अवकाश 10 दिन का दिया जाए।
संघ ने शिक्षा विभाग से इस प्रस्ताव पर विचार करने की उठाई मांग
हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषा अध्यापक संघ के राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर, महासचिव अर्जुन सिंह, कोषाध्यक्ष डा. ललित, महिला प्रकोष्ठ राज्य अध्यक्ष मीरा शर्मा, महिला प्रकोष्ठ महामंत्री डा. तारा, संस्थापक नरेन्द्र शर्मा, संयोजक धनवीर नायक तथा सभी जिलों के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग से संघ के प्रस्ताव के अनुसार हिमाचल में वार्षिक मौसम के आधार पर अवकाश निर्धारित करने की मांग की है। हेमराज ठाकुर ने कहा कि यह प्रस्ताव संघ ने सभी जिलों के शिक्षकों से परामर्श करने के बाद बनाया है। इससे राज्य के सभी ग्रीष्म, वर्षा और शीतकालीन स्कूलों वाले क्षेत्रों के छात्रों, अभिभावकों तथा शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी।