Shimla: कोर्ट पहुुंचा HRTC पैंशनरों को देरी से पैंशन देने का मामला
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 07:49 PM (IST)

शिमला (राजेश): एचआरटीसी पैंशनरों को देरी से पैंशन देने का मामला कोर्ट पहुंच गया है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने हर माह की पहली तारीख को नियमित रूप से पैंशन जारी करने की मांग को लेकर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है। यह याचिका एचआरटीसी सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक पुरोहित और अन्य की ओर से मुख्य याचिका के तहत दायर की गई है। याचिका पर उच्च न्यायालय ने सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई 13 नवम्बर को तय की है।
याचिका में केंद्रीय सिविल सेवा (पैंशन) नियम 1972 के नियम 83 का हवाला दिया गया है, जिसे 2021 के संशोधन के तहत अपडेट किया गया था। इस नियम के अनुसार पैंशन हर माह की पहली कार्य दिवस को जारी किया जाना अनिवार्य है। याचिकाकर्त्ताओं ने अदालत से आग्रह किया है कि एचआरटीसी को सरकारी पैंशनरों के लिए लागू नियमों के अनुरूप पैंशन समय पर जारी करने के निर्देश दिए जाएं।
रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन अधिनियम के तहत पैंशन योजना है लागू
13 सितम्बर 1995 को हिमाचल प्रदेश सरकार ने रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन अधिनियम 1950 की धारा 34 के तहत एचआरटीसी कर्मचारियों के लिए पैंशन योजना लागू की थी। यह योजना सीसीएस (पैंशन) नियम 1972 के अनुरूप अपनाई गई थी और इसमें समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधन भी लागू होते हैं। 6 अक्तूबर 1995 को जारी अधिसूचना के अनुसार एचआरटीसी को पैंशन वितरण के लिए अलग पैंशन कोष बनाना था और निगम के वित्त सह मुख्य लेखा अधिकारी को पैंशन भुगतान के लिए उत्तरदायी अधिकारी नियुक्त किया गया था।
यह भी दिया पैंशनरों ने तर्क
पैंशनरों ने याचिकाकर्त्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न निर्णयों के अनुसार पैंशन वितरण में देरी सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन है और ऐसी देरी पर संबंधित विभाग को ब्याज सहित भुगतान करने का दायित्व हो सकता है। उच्च न्यायालय ने एचआरटीसी को इस मामले में 13 नवम्बर से पहले जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।