Shimla: हिमाचल में कैसे लड़ेंगे नशे से जंग, महज 5 नशा मुक्ति केंद्रों पर इलाज का जिम्मा
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 10:57 PM (IST)

शिमला/धर्मशाला (सौरभ): प्रदेश में नशे के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ छेड़े गए व्यापक अभियान की राह में कुछ व्यवस्थागत रुकावटों को दूर करने के लिए सरकारी सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त करने की जरूरत समझी जा रही है। दरअसल, राज्य में पिछले कुछ सालों से युवाओं में नशे की लत तेजी से बढ़ी है, लेकिन नशे के आदी युवाओं के इलाज व पुनर्वास के लिए नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या अपेक्षाकृत बहुत कम है। हाल ही में संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने राज्यसभा में आंकड़े पेश कर हिमाचल में नशे के बढ़ते मरीजों के अनुपात में नशा मुक्ति केंद्रों की बेहद कम संख्या पर गंभीर चिंता जताई थी। केंद्र सरकार की रिपोर्ट अनुसार प्रदेश में सिर्फ पांच नशा मुक्ति केंद्र और एक एडिक्शन ट्रीटमैंट फैसिलिटी (व्यसन उपचार सुविधा) ही चल रहे हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बीएल वर्मा द्वारा राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन के सवाल के जवाब में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार पड़ोसी राज्य जम्मू और कश्मीर में सबसे ज्यादा 12 नशा मुक्ति केंद्र कार्यरत हैं, जबकि पंजाब में 10 और हरियाणा में 9 ऐसे केंद्र हैं। हिमाचल में 5 नशा मुक्ति केंद्र शिमला, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला और ऊना जिलों में स्थित हैं, जबकि एकमात्र एडिक्शन ट्रीटमैंट फैसिलिटी कुल्लू जिले में है। इस साल जुलाई में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने भी प्रदेश में नशा मुक्ति केंद्रों की कम संख्या पर चिंता जताकर सरकार को नसीहत दी थी। हालांकि, सिरमौर जिले के पच्छाद उपमंडल में एक राज्य स्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण चल रहा है, जिसमें 100 बैड की सुविधा होगी। बिलासपुर में भी एक नशा मुक्ति केंद्र बनाया जा रहा है।
केंद्र सरकार की योजनाओं का लेना होगा लाभ
केंद्र सरकार नशा मुक्ति केंद्रों, समुदाय आधारित हस्तक्षेप कार्यक्रमों, आऊटरीच और ड्रॉप-इन सैंटर, जिला स्तरीय डी-एडिक्शन सैंटर और एडिक्शन ट्रीटमैंट फैसिलिटीज को वित्तीय सहायता भी देती है। ऐसे में यह हिमाचल सरकार के ऊपर है कि प्रदेश में इन केंद्रों की संख्या बढ़ाने व नशे के खिलाफ शुरू किए जागरूकता अभियान और एंटी चिट्टा वॉलंटियर योजना की फंडिंग के लिए केंद्र को जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाकर भेजे।
अढ़ाई साल में 5 हजार से अधिक केस दर्ज
केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2023 से जून 2025 तक हिमाचल में एनडीपीएस एक्ट के तहत कुल 5,004 केस दर्ज हो चुके हैं। साल 2023 में 2,147 केस, 2024 में 1,717 और इस साल 30 जून तक 1,140 केस दर्ज हुए हैं। बीते अढ़ाई साल की अवधि में 919 किलोग्राम चरस, 89.6 किलोग्राम अफीम, 32.9 किलोग्राम हैरोइन, 1,632 किलोग्राम चूरा-पोस्त और 1.64 लाख से अधिक नशीली गोलियां व कैप्सूल बरामद हुए हैं।
निजी नशा मुक्ति केंद्रों की अधर में जांच
प्रदेश में चल रहे करीब 84 नशा मुक्ति केंद्रों में अनियमितताओं के मामले विगत कुछ वर्षों में सामने आते रहे हैं। कई निजी केंद्रों में भर्ती युवाओं की संदिग्ध मौत के मामले भी सामने आए थे। दो साल पहले तपोवन में विधानसभा के शीत सत्र के दौरान 21 दिसम्बर, 2023 को सरकार ने निजी नशामुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली एक माह में जांच करवाने का ऐलान किया था, लेकिन इस जांच में क्या निकला व क्या कार्रवाई हुई, यह सब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। वहीं, इस बारे पक्ष जानने के लिए स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (रिटा.) धनीराम शांडिल से बार-बार सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।