Shimla: पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले विद्यार्थियों को पुन: स्नातक की डिग्री करने का मिला मौका
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 08:01 PM (IST)

शिमला (अभिषेक): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने जेबीटी/डीएलएड व अन्य कारणों से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी न कर पाने विद्यार्थियों को पुन: डिग्री पूरी करने का मौका दिया है। शनिवार को विश्वविद्यालय में हुई कार्यकारी परिषद (ईसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसके तहत जो विद्यार्थी अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए हैं उन्हें पुन: स्नातक की पढ़ाई करने की अनुमति प्रदान करने को ईसी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है और यह अवसर शैक्षणिक सत्र 2020-21, 2021-22, 2022-23, 2023-24, 2024-25, 2025-26 के विद्यार्थियों को मिलेगा। यह अवसर 5 वर्ष के उपरांत एक वर्ष का अतिरिक्त अवसर 7000 रुपए के साथ प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. महावीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित ईसी की बैठक में आवश्यकतानुसार प्राध्यापकों की स्थानांतरण करने की स्वीकृति प्रदान की। ईसी ने बीए/ बीएससी/ बीकॉम/ शास्त्री/ प्रभाकर शैक्षणिक सत्र 1990-1991 से अब तक तथा बीटीए व बीटीटीएम/बीपीई शैक्षणिक सत्र 2013-2014 से अब तक, बीबीए/बीसीए शैक्षणिक सत्र 2014-2015 से अब तक, बीएड शैक्षणिक सत्र 2015-16 से अब तक बीवॉक शैक्षणिक सत्र 2017-2018 से अब तक व बीएचएम शैक्षणिक सत्र 2019-2020 से अब तक, स्नातकोत्तर छात्रों के लिए एमए/एमएससी/एम.कॉम./आचार्य/एमए व एमएससी गणित/एमएड/एमए एजुकेशन शैक्षणिक सत्र 1990-1991 से अब तक और डिप्लोमा कोर्स में पीजीडीसीए शैक्षणिक सत्र 2010-11 से अब तक, डीसीए शैक्षणिक सत्र 2022-2023 इन सभी विषयों को उनके स्नातक व स्नातकोत्तर परीक्षाओं को पूर्ण करने व उपाधि सुधार के लिए अतिरिक्त अवसर प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।
प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जाएगा शिक्षकों के सीएएस का मामला
ईसी की बैठक में शिक्षकों की करियर एडवांसमैंट स्कीम (सीएएस) मामले को लेकर विस्तृत हुई। इस मामले को अब प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। कुलपति, प्रो-वाइस चांसलर, विधायक हरीश जनार्था, विधायक सुरेश कुमार व कुलसचिव सरकार के समक्ष मामले को रखेंगे। ईसी ने वरिष्ठ आचार्य के पद को लेकर चर्चा की।
बीए/ बीएससी/ बीकॉम/ शास्त्री के लिए मिला गोल्डन चांस
ईसी ने बीए/ बीएससी/ बीकॉम/ शास्त्री के लिए गोल्डन चांस प्रदान करने को भी स्वीकृति प्रदान की है। वार्षिक प्रणाली के अंतर्गत गोल्डन चांस यानी कि तीसरा मौका उन विद्यार्थियों को दिया गया है, जोकि तय समय अवधि में पिछले 2 मौकों में कम्पार्टमैंट / रि-अपीयर की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए हैं। गोल्डन चांस के तहत परीक्षाएं अक्तूबर में होगी और इसके लिए 10 हजार रुपए फीस निर्धारित की गई है। इसके लिए परीक्षा फॉर्म बिना विलंब शुल्क 7 अक्तूबर तक भर सकेंगे। इसके बाद नियमों के तहत विलंब शुल्क वसूला जाएगा।
विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारियों को पीएचडी करने को लेकर मिली स्वीकृति
ईसी ने विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारियों को पीएचडी करने की स्वीकृति प्रदान की। कर्मचारियों को शोध कार्य अपने अर्जित अवकाश लेकर ही पूर्ण करना होगा। इसके अलावा ईसी ने विश्वविद्यालय में सेवानिवृत्त नायब तहसीलदार/ कानूनगो/ पटवारी को विश्वविद्यालय में राजस्व मामलों के निपटारे के लिए रखने (नियोजित) की स्वीकृति प्रदान की।