Himachal: सरकार की जॉब ट्रेनी पॉलिसी पर भड़के बेरोजगार, भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम
punjabkesari.in Monday, Jul 21, 2025 - 04:57 PM (IST)

शिमला (राक्टा): राज्य सरकार द्वारा ग्रुप-ए, बी और सी श्रेणी में भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलाव पर विपक्ष दल भाजपा के साथ ही बेरोजगार और विभिन्न कर्मचारी संगठन भड़क गए हैं। आरोप है कि सरकार ने जो जॉब ट्रेनी पॉलिसी अधिसूचित की है, वह बेरोजगारों के हितों में नहीं है। तर्क है कि यह कैसी नीति है, जिसके तहत पहले बेरोजगार युवक कमीशन के लिए टैस्ट क्लीयर करें फिर 2 वर्ष बाद रैगुलर होने के लिए फिर से टैस्ट दें। हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने भी न्यू पॉलिसी ट्रेनी का कड़ा विरोध किया है।
संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह, उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर, सचिव विजय चौहान सहित व अन्य पदाधिकारियों का कहना है कि एक तरफ सरकारी क्षेत्र में नौकरियां नहीं निकाली जा रही और दूसरी तरफ सरकार बिना सोचे समझे ट्रेनी जैसी पॉलिसी लाकर बेरोजगार युवकों को उलझन में डाल रही है। संघ का आरोप है कि सरकार 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने जा रही है, लेकिन बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार का रवैया अभी तक निराशाजनक ही रहा है। पदाधिकारियों के अनुसार कांग्रेस ने चुनाव के दौरान बहुत ही उत्साहित होकर बेरोजगारों को न्याय और रोजगार देने का वायदा किया, लेकिन अब सरकार उसके बिल्कुल विपरीत कार्य कर रही है।
बेरोजगारों ने कांग्रेस सरकार को इसलिए चुना था, क्योंकि प्रदेश के समस्त बेरोजगार यूनियन पूर्व सरकार की नीतियों से दुखी थी, लेकिन अब कांग्रेस सरकार जिस तरह के कदम उठा रही है, वह बेरोजगारों के हित में नहीं है। संघ ने चेताया है कि यदि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करती है, तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
राहुल-प्रियंका गांधी काे लिखेंगे पत्र
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने प्रदेश में बेरोजगारों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र लिखने की बात कही है। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार चुनाव के दौरान एक भाषण में प्रियंका गांधी ने रोजगार देने की गारंटी दी थी, लेकिन सब कुछ उसके विपरीत हो रहा है। साथ ही कहा गया है कि एक तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता भाजपा शासित राज्यों में स्कूल बंद करने का कड़ा विरोध कर रहे हैं, जबकि प्रदेश में जो स्कूल बंद किए हैं, उसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने भी किया विरोध
हिमाचल गवर्नमैंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (एचजीसीटीए) ने ट्रेनी पॉलिसी में कॉलेज प्राध्यापकों को शामिल करने के निर्णय का एक स्वर में कड़ा विरोध किया है। एसोसिएशन के महासचिव डा. संजय कानूनगो ने कहा है कि सरकार ने इस पॉलिसी में 9 श्रेणियों के कर्मचारियों को बाहर रखा है, वहीं कॉलेज प्राध्यापकों को इससे बाहर नहीं रखा गया है। ऐसे में सरकार से मांग की गई है कि अन्य श्रेणियों की तर्ज पर कॉलेज प्राध्यापकों को भी इस पॉलिसी से बाहर रखा जाए।
ट्रेनी पॉलिसी युवाओं के साथ धोखा: अरविंद कुमार
स्नातक बेरोजगार युवा अरविंद कुमार का कहना है कि सरकार द्वारा लाई गई ट्रेनी पॉलिसी युवाओं के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि 2 वर्ष की अवधि बाद नियमित होने के लिए टैस्ट क्लियर करने की शर्त सही नहीं है। साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह टेस्ट कौन लेगा। अरविंद के अनुसार प्रदेश सरकार आऊटसोर्स कर्मचारियों के लिए आज तक कोई नीति नहीं बना पाई है, वहीं अब नई पॉलिसी लाकर युवाओं को उलझन में डाल दिया गया है।
सरकार पुनर्विचार करें: रामलाल
रामपुर निवासी बेरोजगार युवा रामलाल मेहता का कहना है कि सरकार अपने चुनावी वायदे के अनुरूप सरकारी क्षेत्र में नौकरियां तो निकाल नहीं रही है, वहीं अब जबरन ट्रेनी पॉलिसी बेरोजगार युवकों पर थोपने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और जारी पॉलिसी का तत्काल वापस ले।
ट्रेनी पॉलिसी नहीं चलेगी : नैंसी अटल
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले युवाओं से 1 लाख सरकारी नौकरियों का वायदा किया था, लेकिन अब स्थाई नियुक्तियों की जगह जॉब ट्रेनिंग योजना लाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल युवाओं के साथ अन्याय है बल्कि उनके आत्मसम्मान पर भी चोट करती है।
विपक्ष युवाओं को कर रहा गुमराह : नरेश चौहान
मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने आरोप लगाया कि विपक्ष युवाओं को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में रोजगार देने की दिशा में प्रयासरत है। इसके लिए सरकारी व निजी दोनों क्षेत्रों में प्रयास किए जा रहे हैं।