Hospitals: राज्य के सरकारी अस्पतालों में 126 वैंटीलेटर खराब, 914 में से 498 फांक रहे धूल

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2024 - 10:26 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): राज्य के मैडीकल कालेजों व विभिन्न सरकारी अस्पतालों में वैंटीलेटर खराब पड़े हैं। टैक्नीशियन व मैडीकल ऑफिसर्ज न होने के कारण वैंटीलेटर का प्रयोग ही नहीं हो पर रहा है। 914 वैंटीलेटर में से 100 से ज्यादा खराब हैं जबकि 498 वैंटीलेटर टैक्नीशियन न होने पर अन्य कारणों से क्रियाशील नहीं हो पाए हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों व मैडीकल कालेजों में कल 914 वैंटीलेटर उपलब्ध हैं, जिनमें से 416 वैंटीलेटर क्रियाशील हैं और 498 वैंटीलेटर का प्रयोग नहीं हो रहा है। इनमें से भी 128 वैंटीलेटर खराब पड़े हैं। उन्होंने बताया कि तकनीकी खराबी, तकनीकी स्टाफ व मैडीकल ऑफिसर की कमी व अन्य कारणों से इन वैंटीलेटर्स का प्रयोग नहीं हो रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक मंडी के नेरचौक स्थित मैडीकल कालेज में सबसे ज्यादा 51 वैंटीलेटर खराब हैं। वहीं शिमला स्थित सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में 29 वैंटीलेटर खराब हैं। चंबा मैडीकल कालेज में 14, हमीरपुर मैडीकल कालेज में 10, पालमपुर सिविल अस्पताल में दो, रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल में एक, सिविल अस्पताल रोहड़ू में चार, जोनल अस्पताल रिपन शिमला में दो, कमला नेहरू अस्पताल में दो, नाहन मैडीकल कालेज में 10, सिविल अस्पताल अर्की में दो और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में एक वैंटीलेटर खराब है। इसके अलावा हमीरपुर मैडीकल कालेज में 51 वैंटीलेटर तकनीकी स्टाफ की कमी के कारण इस्तेमाल नहीं हो रहे हैं। इसी तरह टांडा मैडीकल कालेज में 46, रिकांगपिओ अस्पताल में 22, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 21, नेरचौक मैडीकल कालेज में 60, जोनल अस्पताल रिपन में 21, आईजीएमसी में 59, नाहन मैडीकल कालेज में 34, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 16 वैंटीलेटर का इस्तेमाल नहीं हो रहा है।


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Kuldeep

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