हमीरपुर और नालागढ़ में बनती थी जहरीली शराब, पुलिस ने 72 घंटों में सुलझाया मामला
punjabkesari.in Saturday, Jan 22, 2022 - 11:30 PM (IST)

मास्ट माइंड गौर-कालू समेत 3 अन्य गिरफ्तार, 25 लाख से अधिक कैश बरामद
मंडी (अनिल): जहरीली शराब मामले में शनिवार को एसआईटी के प्रमुख डीआईजी मध्य जोन मंडी मधुसूदन शर्मा ने प्रैस वार्ता कर मामले का पटाक्षेप करते हुए कई खुलासे किए। प्रैस वार्ता में डीजीपी संजय कुंडू वर्चुअल माध्यम से जुड़े और पुलिस अधीक्षक मंडी शालिनी अग्निहोत्री, पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ठाकुर व एसआईटी में शामिल पुलिस अधिकारियों से एक-एक करके प्रैस ब्रीफ करवाते रहे। बता दें कि 7 लोगों की जान निगलने वाली जहरीली शराब हमीरपुर के गांव पनयाला में चल रहे एक अवैध कारखाने में तैयार हुई थी जबकि इसी तरह की शराब बनाने वाला एक अवैध कारखाना पुलिस को नालागढ़ में भी मिला है। 6 जिलों के एसपी लेबल के 9 अधिकरियों ने 72 घंटे में इस मामले को सुलझा लिया है।
वीआरवी फूल्स के नाम से चल रहा था धंधा
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हिमाचल के इतिहास में पहली बार इस तरह का मामला सामने आया है, जिसको पुलिस के काबिल अधिकारियों ने सुलझा लिया है। इस मामले में पुलिस ने सुंदरनगर के मलोह निवासी नरेंद्र उर्फ कालू के अलावा इस शराब ट्रेड जो वीआरवी फूल्स के नाम से चल रहा था उसके सरगना गौरव मिन्हास उर्फ गोरू पुत्र देवेंद्र सिंह निवासी गांव सिंबलखोला पंचरूखी पालमपुर व बैजनाथ निवासी ग्राफिक डिजाइनर अजय कोहली जो इस शराब के स्टीकर छापता था उसको गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसके अलावा हमीरपुर में शराब की बॉटलिंग करने वाले प्रवीण ठाकुर पुत्र दिल राम निवासी गांव पन्याला को भी ट्रेस कर लिया। प्रवीण अपने उत्तर प्रदेश के 2 नौकरों से बोतलों की पैकिंग लगवाने का काम करवाता था। उनके समेत जम्मू के सांबा से तथा अन्य राज्यों से भी कच्चे माल आदि की सप्लाई करने वालों को अपनी जांच में शामिल किया है, ऐसे में अभी और गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं।
सामग्री सहित 25 लाख का कैश बरामद
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि हमीरपुर, नालागढ़, पालमपुर, परवाणू, चंडीगढ़ समेत कई जगहों से सामग्री को जब्त किया गया है। अकेले हमीरपुर से ही 2 ट्रक की सामग्री सबूत के तौर पर जब्त करके सुंदरनगर थाने में लाई गई है। जब्त माल में 6 हजार से अधिक शराब की भरी हुई बोतलें, सैंकड़ों खाली डिब्बे, छपे हुए होलोग्राम, बैच आदि लगाने के लिए 7 मोहरें, कच्चे माल से भरे ड्रमों समेत कबाड़ी से खरीदी गई खाली बोतलें व स्टीकरों के अलावा 25 लाख रुपए कैश भी बरामद किया है। यह शराब कारखाना हमीरपुर के गांव पनयाला में स्थित प्रवीण ठाकुर के 3 मंजिला मकान में चल रहा था, जहां पर आधुनिक मशीनें इसके लिए लगाई गईं थीं।
हमीरपुर का पानी, कबाड़ी से बोतलें और जम्मू का फार्मूला
हमीरपुर में अवैध बॉटलिंग इकाई को पुष्पेंद्र पुत्र ऋषि पाल व सनी पुत्र अशोक कुमार निवासी भवानीगढ़ी अलीगढ़ यूपी द्वारा चलाया जाता था और यही शराब बनाने के लिए सामग्री का मिश्रण करते थे। शराब बनाने के लिए पानी हमीरपुर से प्राप्त किया जाता था। हमीरपुर में एक कबाड़ी से खाली बोतलें मंगवाई जाती थीं। परवाणु से बोतलें, ढक्कन व बक्से आदि खरीदे जाते थे। स्प्रिट रखने के लिए नीले रंग के ड्रम दिल्ली से खरीदे जाते थे। वीआरवी संतरा स्टीकर ग्राफिक डिजाइनर के माध्यम से बनाए जाते हैं। बॉटलिंग संयंत्र के उपकरण चंडीगढ़ से खरीदे गए थे। जम्मू-कश्मीर से भी कुछ सामग्री खरीद जाती थी और सांबा निवासी व्यक्ति शराब बनाने का फार्मूला देता था।
ऐसे हुआ नालागढ़ में अवैध बॉटलिंग प्लांट का पर्दाफाश
आरोपी गौरू के खुलासे पर पुलिस थाना नालागढ़ के अंतर्गत अवैध बॉटलिंग प्लांट पर की छापेमारी के बाद पुलिस ने 4500 खाली बोतलें व 39 ड्रम, 47 खाली वी.आर.वी. कार्टन व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। गौरू से पूछताछ और उसके घर से मिली डायरियों व अन्य दस्तावेजों से पुलिस को पता चला कि विभिन्न वितरकों को अवैध शराब के बक्सों की आपूर्ति की गई थी। इनमें कांगड़ा जिला को 450 बक्से, ऊना जिला को 145 बक्से, हमीरपुर जिला को 120 बक्से, बिलासपुर जिला को 535 बक्से व मंडी जिला को 150 बक्से सप्लाई किए गए थे। स्थानीय पुलिस की टीमों ने इस संबंध में संबंधित जिलों में तलाशी व जब्ती का कार्य आरंभ कर दिया है।
इनसे की जा रही पूछताछ
कांगड़ा, सोलन, हमीरपुर और पड़ोसी राज्यों के जिलों में तलाशी के दौरान अवैध शराब के उत्पादन के लिए होलोग्राम, लेबल, कार्टन, इस्तेमाल की गई बोतलें, स्प्रिट, बोतल के ढक्कन और कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं की पहचान की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। इनमें अंबाला से सागर सैनी, सांबा से एके त्रिपाठी, बैजनाथ से अजय कोहली, परवाणु से अजय शर्मा व प्रकाश चंद शामिल है। उक्त सभी से पूछताछ की जा रही है।
आबकारी विभाग देता है लाइसैंस : डीजीपी
यह पूछे जाने पर कि पुलिस घटना के बाद ही क्यों जागी, इससे पहले कार्रवाई क्यों नहीं की? तो डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने अपना काम पूरी मेहनत से कर दिया है, जहां तक अवैध कारखाने लगने, शराब बेचने या लाइसैंस आदि की बात है तो यह काम आबकारी विभाग का है और अब इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। चंडीगढ़ से आने वाले 999 नंबर की व्हीस्की के बारे में उन्होंने कहा कि अभी जो भी इस मामले में तार जुड़े हैं वह संतरा शराब ब्रांड से ही जुड़े हैं। इसमें वीआरवी फूडस की जगह वीआरवी फूल्स का स्टीकर प्रयोग किया गया है, जो आमतौर पर लोगों की नजर में नहीं आता। उन्होंने कहा कि पुलिस जल्द इस मामले के सारे सबूत लेकर कोर्ट जाएगी ताकि इसमें शामिल लोगों को सजा मिल सके।
एसआईटी ने कैसे किया काम
जहरीली शराब मामले की जांच करने के लिए डीआईजी मधुसूदन की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री, एसपी कांगड़ा खुशाल शर्मा और एसपी सीआईडी वीरेंद्र कालिया शामिल थे। चूंकि जांच का दायरा बढ़ गया था, इसलिए हमने अर्जित सेन एसपी ऊना, मोहित चावला एसपी बद्दी, अरविंद दिग्विजय नेगी एसपी, पुनीत रघु एएसपी कांगड़ा और योगेश रोल्टा एसडीपीओ परवाणु को एसआईटी में शामिल किया है। इसके अलावा 3 अन्य पुलिस कमेटियां भी इसमें काम कर रहीं थीं।
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