Sirmaur: मेडिकल काॅलेज नाहन में पेट स्कैन मशीन न होने से परेशानी, कैंसर मरीज काट रहे पड़ोसी राज्यों के चक्कर
punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2024 - 10:51 PM (IST)
नाहन (चंद्र): नाहन में मेडिकल काॅलेज खुलने के करीब 8 वर्ष बाद भी यहां पर मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं। जटिल रोगों के इलाज के लिए आज भी उन्हें पड़ोसी राज्यों या फिर निजी अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। मेडिकल काॅलेज में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के उपचार में सबसे कारगर पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्रॉफी (पेट) स्कैन मशीन की सुविधा नहीं है।
रोगियों को पेट स्कैन करवाने लिए चंडीगढ़ या फिर निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों में पेट स्कैन 15 से 25 हजार रुपए में हो रहा है। वहीं सरकारी अस्पतालों में पेट स्कैन 8 हजार से 12 हजार रुपए के बीच में हो रहा है। अब यदि मरीज चंडीगढ़ पीजीआई या फिर अन्य सरकारी संस्थान से पेट स्कैन करवाते हैं तो अस्पताल की फीस तो लगेगी, साथ में आने जाने का किराया अलग से होगा, ऐसे में पेट स्कैन करवाने की लागत बहुत अधिक हो जाती है, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर होती है।
कैंसर विभाग में महीने में 80 के करीब ओपीडी होती है। इनमें गंभीर रोगियों को पेट स्कैन की आवश्यकता रहती है लेकिन उन्हें यह सुविधा यहां नहीं मिल पा रही है। उधर, एमएस डॉ. अमिताभ जैन ने बताया कि मेडिकल काॅलेज में पेट स्कैन की सुविधा नहीं है। उन्होंने बताया कि इस बारे विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
क्या है पैट स्कैन
पेट स्कैन एक विशेष रेडियोलॉजी प्रक्रिया होती है। इससे प्रारंभिक अवस्था में ही बीमारी का निदान करने में मदद मिलती है। पेट स्कैन से शरीर के छोटे से कैंसर का भी पता चल जाता है। इसमें मरीज को एक विशेष ग्लूकोज के साथ रेडियो आइसोटोप का इंजैक्शन दिया जाता है। यह दवा सिर्फ कैंसर कोशिकाओं में ही पहुंचती है। इन कोशिकाओं से पॉजिट्रॉन निकलते हैं, जिसे रेडियो एक्टिव आइसोटोप पकड़ लेता है। यही कैंसर ग्रस्त कोशिकाएं होती हैं, जिनकी तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाती है और पता चल जाता है कि कैंसर वाली कोशिकाएं किस अंग से सिग्नल दे रही हैं। पेट स्कैन मशीन से पहले कैंसर मरीजों की जांच एमआरआई और सीटी स्कैन से जाती थी। इससे यह पता नहीं चलता कि शरीर में किस-किस जगह पर कैंसर है। न ही यह पता चल पाता है कि यह कितना बढ़ गया है, लेकिन पेट स्कैन से शरीर के छोटे से छोटे कैंसर का भी पता चल जाता है।
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