सैनिक की मौत के 20 साल बाद मां को मिला यह हक, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Sunday, Aug 27, 2017 - 09:08 PM (IST)

हमीरपुर: हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाले असम राइफल्स में बतौर सिपाही स्व. लाल चंद निवासी काले अम्ब की मां को करीब 20 वर्ष बाद बेटे की पैंशन व बकाया राशि मिली है। सिपाही स्व. लाल चंद वर्ष 1996 में बनारस में ड्यूटी के दौरान अचानक गायब हो गया था और 2 दिन बाद उसका शव सड़क पर मिला था। उस दौरान उसका बनारस में ही दाह संस्कार कर दिया गया और उसकी अस्थियां उसके घर भेज दी गईं थीं। करीब 30 वर्षों से उसकी मां जानकी देवी अपने बेटे को शहीद का दर्जा दिलाने और अन्य सैनिकों की तरह मरणोपरांत मिलने वाली पैंशन व अन्य सुविधाएं पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही थी। इस दौरान वह अपने बेटे की पैंशन के लिए राजनेताओं से लेकर सेना अधिकारियों से भी मिली लेकिन उसकी समस्या का हल नहीं हुआ। 

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने गृहमंत्री से उठाया मामला
इसके बाद जानकी देवी 4 मई, 2016 राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र सिंह डोगरा से उनके कार्यालय गवारड़ू में मिली तथा पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद रविंद्र डोगरा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मृतक सैनिक का पैंशन संबंधी पूरा मामला भेजा, जिसके करीब डेढ़ माह बाद ही मृतक सैनिक की मां को बेटे की पैंशन के तौर पर 9500 रुपए प्रति माह मिलने शुरू हो गए लेकिन उसको वर्ष 2016 से पहले की पैंशन की बकाया राशि नहीं मिली, जिस पर रविंद्र डिोगरा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पत्राचार जारी रखा। इसके चलते गत दिनों जानकी देवी को वर्ष 1998 से लेकर 2016 तक की बकाया राशि के रूप में 10 लाख रुपए की राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी कर दी है जोकि उसके बैंक खाते में आ गई है। यह ऐसा पहला मामला है जिसमें किसी मृतक सैनिक की मां को करीब 20 वर्ष बाद पैंशन व बकाया राशि के रूप में 10 लाख रुपए की राशि मिली हो। 

मृतक सैनिक को मिलना चाहिए शहीद का दर्जा 
उधर, मृतक सैनिक की मां व भतीजे संजीव कुमार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के प्रयासों की सराहना की है। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष का कहना है कि अभी तक जानकी देवी को उसके मृतक सैनिक बेटे की 9500 रुपए प्रतिमाह पैंशन शुरू हुई है तथा 10 लाख रुपए का बकाया मिला है। उन्होंने बताया कि उनका अभी प्रयास है कि जानकी देवी के बेटे को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए क्योंकि उसकी मौत ड्यूटी के दौरान हुई है। 


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