हिमाचल में चलेगा मातृ-शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान : जयराम
punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 09:13 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): हिमाचल में मातृ-शिशु स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए 18,925 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के अलावा 5,99,643 लाभार्थियों को पोषण ट्रैकर पर पंजीकृत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह बात नीति आयोग की टीम के साथ पोषण और सहकारी संघवाद विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अति कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग ने हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और उन्नयन के लिए 400 करोड़ रुपए, मंडी जिले में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए 1000 करोड़ रुपए और ज्वालामुखी मंदिर के लिए पेयजल और मल निकासी योजना के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ रुपए की अनुशंसा की है।
रेल विस्तार के लिए भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि राज्य में रेल विस्तार के लिए भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी इलैक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी तैयार की है ताकि प्रदेश को विद्युत गतिशीलता विकास और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केंद्र बनाया जा सके और विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग आधारभूत संरचना तैयार की जा सके। इसके लिए विद्युत चालित वाहन निर्माता उद्योगों को अनुदान और प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। इस अवसर पर हैंडबुक ऑन पर्सनल मैटर्ज-2021 का अद्यतन संस्करण जारी किया गया।
ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के भी सुझाए विकल्प
मुख्यमंत्री ने कार्यशाला के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि नीति आयोग के साथ आयोजित कार्यशाला में ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने के सुझाव दिए गए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए टीकाकरण अभियान पर फोकस करना जरूरी है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि राज्य ने वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने में भी लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
मातृ-शिशु को पोषण में हिमाचल अग्रणी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मातृ एवं शिशु को बेहतर पोषण प्रदान करने का लक्ष्य प्राप्त कर देश में अग्रणी बनकर उभरा है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के माध्यम से ई-गवर्नैंस के क्षेत्र में कई पहल लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि पब्लिक अफेयर्स सैंटर बेंगलुरु ने हिमाचल को वर्ष 2017 और 2018 में छोटे और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में सुशासन में प्रथम स्थान और वर्ष 2019 में द्वितीय स्थान पर आंकते हुए इसे मान्यता दी है। उन्होंने विश्वास जताया कि नीति आयोग की टीम हिमाचल प्रदेश से जुड़े मसलों को शीघ्र हल करेगा।
सुशासन सूचकांक में हमीरपुर प्रथम
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सुशासन सूचकांक के तहत संबंधित जिलाधीशों को पुरस्कार प्रदान किए। सुशासन सूचकांक में हमीरपुर प्रथम, बिलासपुर द्वितीय एवं कुल्लू जिला तृतीय स्थान पर रहा। हिमाचल प्रदेश सरकार के आॢथक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जिला सुशासन सूचकांक पर रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट सभी के तुलनात्मक प्रदर्शन का आकलन करने के लिए 7 विषयों, 19 केंद्रित विषयों और 75 संकेतकों पर एकत्रित 12 जिलों के सैकेंडरी डाटा के आधार पर तैयार की गई है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य हैं, जिसने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुशासन की गुणवत्ता का आकलन करना शुरू किया है।
अनीमिया की समस्या चिंता का विषय
नीति आयोग के सदस्य डाॅ. वीके पॉल ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन फोलिक एसिड को दोगुना करने से प्रदेश में बेहतर अनीमिक परिदृश्य सामने आया है। उन्होंने कहा कि राज्य ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रगति की है लेकिन अनीमिया की समस्या ङ्क्षचता का विषय बनी हुई है। उन्होंने कम वजन वाले शिशुओं पर विशेष अभियान शुरू करने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक ओआरएस और जिंक द्वारा डायरिया से होने वाली मृत्यु को पूर्णतया शून्य करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरक आहार के लिए जनांदोलन और अनीमिया मुक्त हिमाचल मिशन को तेज करना समय की आवश्यकता है।
हिमाचल को वर्ष 2023-24 तक टीबी मुक्त करने पर बल
डाॅ. वीके पॉल ने वर्ष 2023-24 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। नीति आयोग के अतिरिक्त सचिव डाॅ. राकेश सरवाल ने देश और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संकेतकों के संबंध में एक प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि राज्य सरकार नीति आयोग के सदस्य द्वारा दिए गए सुझावों और सिफारिशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। नीति आयोग के फैलो अरविंद मेहता, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता, आरडी धीमान और जेसी शर्मा, प्रधान सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, नीति आयोग की प्रतिनिधि सुधेंदू, ज्योति सिन्हा, डाॅ. नीना भाटिया, हेमंत मीणा और यूनिसेफ तथा एसएएस, सीएचआरडी के प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित थे।
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