हिमाचल में मानसून से अब तक 93 करोड़ का नुक्सान, 66 लोगों की गई जान

punjabkesari.in Sunday, Jul 10, 2022 - 11:02 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल में मानसून सीजन को शुरू हुए अभी तक आधा महीना भी नहीं हुआ है लेकिन मानसून ने हिमाचल को इतने कम समय में गहरे जख्म दे दिए हैं। प्रदेश में अभी तक मानसून के कारण 93 करोड़ रुपए का नुक्सान हो चुका है। इनमें सबसे अधिक नुक्सान पीडब्ल्यूडी विभाग को हुआ है। विभाग को अब तक 87 करोड़ रुपए के नुक्सान का आकलन है। वहीं मानसून अब तक पूरे प्रदेश में 66 लोगों की जान ले चुका है।

15 जुलाई से धीमा पड़ेगा मानसून
हिमाचल में करीब 5 दिनों बाद 15 जुलाई से मानसून धीमा पड़ जाएगा। 15 जुलाई के बाद प्रदेश में कुछ दिनों तक बारिश का दौर थम जाएगा। ऐसे में प्रदेश के लोगों को काफी हद तक राहत मिलने के आसार हैं। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि 15 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान प्रदेश में तेज बारिश के आसार हैं। इसे लेकर मौसम विभाग की ओर से यैलो अलर्ट भी जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रदेश में रविवार को भी कई स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। राजधानी शिमला में भी दोपहर के वक्त बारिश की हल्की बौछारें गिरीं। हालांकि रविवार को प्रदेश में बारिश के कारण ज्यादा नुक्सान नहीं उठना पड़ा है। 

कांगड़ा के गग्गल में सबसे ज्यादा बरसे मेघ
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे ज्यादा बारिश कांगड़ा जिले के गग्गल में 108 मिलीमीटर दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त पांवटा साहिब में 107, धर्मशाला में 106, नूरपुर में 80, बिजाही में 58, कसौली में 55, सुन्नी भज्जी में 49, रामपुर में 43, ऊना में 35, पालमपुर 33, जोगिंद्रनगर 32, नयनादेवी और बैजनाथ 28-28, अघर 27 और कोटखाई 20 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में बारिश की संभावनाओं को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है। बारिश की संभावनाओं को देखते हुए आवश्यक सेवाओं में व्यावधान पड़ सकता है। यानी कई स्थानों पर पानी, बिजली, संचार और संबंधित सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। दृश्यता में कमी की संभावना है। 

पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की संभावनाएं ज्यादा 
पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की संभावनाएं ज्यादा हैं, ऐसे में भूस्खलन वाली जगहों पर जाने से परहेज रखें। इसके अलावा नदी-नालों से भी दूर रहें। बारिश के कारण नदी-नालों में बाढ़ आने के आसार हैं। वहीं किसानों-बागवानों के लिए भी एडवायजरी जारी की गई है। भारी बारिश के कारण उचित जल निकासी चेन बनाएं। नए पौधों को भारी बारिश, गरज और बिजली के सीधे प्रभाव से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था करें। किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि वे कीटनाशकों के छिड़काव को फिर से निर्धारित करें। इसके अलावा ऊंचे पेड़ अथवा वस्तु से दूर रहें। मधुमक्खियों की कालोनियों को रोगमुक्त व साफ -सुथरा रखें। जल निकासी की व्यवस्था कर भारी बारिश के दौरान सिंचाई करने से बचेें। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News