Shimla: हिमाचल के एथलीट बलबीर सिंह ने एशियन मास्टर्स गेम्स में जीते 3 मैडल, वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए किया क्वालिफाई
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 04:26 PM (IST)
शिमला (अभिषेक): एशियन मास्टर्स गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए हिमाचल प्रदेश के एथलीट बलबीर सिंह ने 3 पदक जीते। उन्होंने 5000 मीटर दौड़ स्पर्धा में रजत पदक हासिल किया। उन्होंने यह दौड़ 18 मिनट व 57 सैकेंड में पूरी की, जबकि 10,000 मीटर दौड़ में उन्होंने कांस्य पदक प्राप्त किया। उन्होंने यह दौड़ 38 मिनट 24 सैकेंड में पूरी की। इसके अलावा 1500 मीटर दौड़ स्पर्धा में उन्होंने 5 मिनट और 1 सैकेंड में पूरी की। इस शानदार प्रदर्शन के बल पर बलबीर सिंह ने वर्ष 2026 में दक्षिण कोरिया में आयोजित होने वाली विश्व एथलैटिक्स चैंपियनशिप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है।
इस बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया है। एशियन मास्टर्स गेम्स 5 से 9 नवम्बर तक चेन्नई में आयोजित हुई थी, जिसमें उन्होंने असाधारण सहनशक्ति, समर्पण और खेल भावना का शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रतिष्ठित गेम्स में 30 से अधिक एशियाई देशों के खिलाड़ियाें ने भाग लिया, जिससे प्रतिस्पर्धा अत्यंत चुनौतीपूर्ण और प्रेरणादायक रही। एशियन मास्टर्स गेम्स में उनकी यह सफलता विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उनके शानदार प्रदर्शन की निरंतरता है। इस वर्ष बीते फरवरी माह में आयोजित ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज एथलैटिक्स मीट में उन्होंने 1500 मीटर में कांस्य पदक जीता। इसके बाद उन्होंने अपनी सफलता को जारी रखते हुए बेंगलुरु में आयोजित मास्टर्स एथलैटिक्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की प्रतियोगिता में 5000 मीटर में स्वर्ण पदक और 1500 मीटर में रजत पदक हासिल किए। इसके अलावा धर्मशाला में आयोजित नैशनल मास्टर्स गेम्स ऑफ इंडिया में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 किलोमीटर दौड़ में स्वर्ण पदक, 5000 मीटर में एक और स्वर्ण पदक तथा 1500 मीटर में कांस्य पदक जीते।
युवा सेवाएं एवं खेल विभाग में एथलैटिक्स कोच के रूप में कार्यरत हैं बलबीर सिंह
एथलीट बलबीर सिंह वर्तमान में युवा सेवाएं एवं खेल विभाग, हिमाचल प्रदेश में एथलैटिक्स कोच के रूप में कार्यरत बलबीर सिंह 20 से अधिक नवोदित खिलाड़ियाें को प्रशिक्षित कर रहे हैं। वे न केवल उन्हें प्रशिक्षण देते हैं, बल्कि स्वयं उनके साथ अभ्यास भी करते हैं, जिससे वे अपने अनुशासन और समर्पण से विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। वह विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने और अपने जीवन में किसी न किसी रूप में खेल गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी उपलब्धियां प्रदेश के युवाओं और खिलाड़ियाें के लिए प्रेरणादायक हैं।

