HC ने दिए आदेश, अनुबंध सेवा को नियमित सेवा के साथ जोड़कर वरिष्ठता और पदोन्नति के लिए गिना जाए

punjabkesari.in Wednesday, Aug 30, 2023 - 10:51 PM (IST)

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने अनुबंध सेवा को नियमित सेवा के साथ जोड़ते हुए वरिष्ठता और पदोन्नति के लिए गिने जाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने अनुबंध सेवा को नियमित सेवा के साथ जोड़ते हुए वरिष्ठता का लाभ न देने वाली लोक निर्माण विभाग के अभियंता की वरीयता सूची को रद्द कर दिया है। अदालत ने लोक निर्माण विभाग को आदेश दिए हैं कि अभियंता (विद्युत) की वरीयता सूची को दोबारा से तैयार किया जाए और प्रार्थियों की अनुबंध सेवा को नियमित सेवा के साथ जोड़ते हुए वरिष्ठता का लाभ दिया जाए। 

अदालत ने राकेश कुमार शर्मा और अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया। अदालत को बताया गया था कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति वर्ष 2010 से 2013 के बीच अनुबंध आधार पर की गई थी। उनकी सेवाओं को वर्ष 2016 और 2017 में नियमित किया गया था। आरोप लगाया गया था कि प्रतिवादियों को वर्ष 2013 और 2017 के बीच पदोन्नति के माध्यम से अभियंता (विद्युत) के पद पर नियुक्त किया गया था। विभाग की ओर से 31 दिसम्बर, 2022 को जारी वरीयता सूची के तहत प्रतिवादियों को याचिकाकर्ताओं से वरिष्ठ का दर्जा दिया गया था। आरोप लगाया गया था कि प्रतिवादी की नियुक्ति प्रार्थियों से काफी बाद में हुई है। 

विभाग की ओर से दलील दी गई कि प्रार्थियों को पहले अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था और बाद में उनकी सेवाओं को प्रतिवादियों की नियुक्ति के बाद नियमित किया गया। इस कारण प्रार्थियों की अनुबंध सेवा को वरिष्ठता के लिए नहीं गिना जा सकता है। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन पर पाया कि विभाग ने अभियंता (विद्युत) की वरीयता सूची गलत तरीके से बनाई है। प्रार्थियों की अनुबंध सेवा को नियमित सेवा के साथ नहीं जोड़ा गया है। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय और हिमाचल हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर याचिकाकर्ताओं की अनुबंध सेवा को नियमित सेवा के साथ जोड़ते हुए वरिष्ठता और पदोन्नति के लिए गिने जाने के आदेश दिए हैं।

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Content Writer

Vijay

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