शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि का कहर, बागवानी को 77 करोड़ का नुक्सान

punjabkesari.in Sunday, May 02, 2021 - 08:14 PM (IST)

शिमला (अम्बादत्त): ओलावृष्टि से शिमला जिले के ऊपरी क्षेत्रों में बागवानी को करीब 77 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है जबकि बर्फबारी से सेब व अन्य फलों को हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है। उपनिदेशक उद्यान जिला शिमला डॉ. देसराज शर्मा ने बताया कि ओलावृष्टि होने से जिले के 5 ब्लॉक नारकंडा, ननखड़ी, जुब्बल व कोटखाई, रोहड़ू व चिडग़ांव काफी प्रभावित हुए हैं जबकि चौपाल, ठियोग, रामपुर, बसंतपुर व मशोबरा ब्लॉक में कम नुक्सान आंका गया है।

डॉ. देसराज शर्मा का कहना है कि जिले की 50,000 हैक्टेयर भूमि पर बागवानी की जाती है, जिसमें से 40,000 हैक्टेयर भूमि पर सेब के बगीचे हैं, जबकि निचले क्षेत्रों में आम, नींबू, पलम, चेरी, नाशपाती और खुमानी की पैदावार होती है। उन्होंने कहा कि शिमला जिला में औसतन 3 से 4 लाख मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होता है और जिले से करीब 2 से अढ़ाई करोड़ पेटियां देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचती हैं।

उपनिदेशक उद्यान ने बागवानों को सलाह दी है कि ओलावृष्टि के उपरांत पौधों में 100 ग्राम कार्बनडाजिम अथवा 600 ग्राम मेनकोजेब दवाई को 200 लीटर में डालकर स्प्रे करें। ओलावृष्टि के 3-4 दिन बाद पौधों में 200 ग्राम बोरिक एसिड व 500 ग्राम जिंक सल्फेट को 200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इसी प्रकार 10 से 12 दिन बाद ओलावृष्टि से ग्रस्त पौधों में एग्रोवीन अथवा माईक्रोविट दवाई को भी 200 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।


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Content Writer

Vijay

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