शिमला के मंदिरों का अधिग्रहण करने की तैयारी में सरकार

punjabkesari.in Monday, Oct 15, 2018 - 12:23 PM (IST)

शिमला (जय): राजधानी शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में बने मंदिरों का सरकार जल्द अधिग्रहण कर सकती है। मंदिर कमेटियों के खिलाफ प्रशासन व सरकार को लगातार भेदभाव की शिकायतें मिल रही हैं जिसके चलते अब सरकार कभी भी मंदिरों का अधिग्रहण कर सकती है। राजधानी के समीप बने प्रसिद्ध मंदिर कमेटियों को सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 2006 के तहत रजिस्टर करवाना अनिवार्य है, लेकिन बहुत सी मंदिर कमेटियों ने इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवाई है। इतना ही नहीं इस एक्ट के तहत प्रशासन को मंदिरों में हर वर्ष हो रही कमाई के साथ ही मंदिरों में हो रहे खर्च का ब्यौरा भी प्रस्तुत करना पड़ता है लेकिन मंदिर कमेटियों द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया जा रहा है। 

सूत्रों का कहना है कि कुछ मंदिर कमेटियां सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत ही रजिस्टर हैं और नए एक्ट के तहत अभी तक कमेटियों द्वारा कानून की पालना नहीं की जा रही है। इतना ही नहीं कुछ मंदिरों में आमदनी के बाद आय व्यय के गड़बड़झाले को लेकर भी प्रशासन को शिकायत की जा रही है और कुछ मंदिरों की जमीन पर कमेटियों के पदाधिकारियों द्वारा अपनी मर्जी से अपना व्यवसाय चलाया जा रहा है और प्रशासन व सरकार के पास इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है, ऐसे में इन मंदिरों में हो रही आय व व्यय को लेकर भी अभी तक सरकार के पास जानकारी नहीं है। 

पूर्व में सरकार ने संकट मोचन सहित, तारादेवी व जाखू मंदिर को भी इसी आधार पर अधिग्रहण किया था, वहीं राजधानी में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनकी वर्षों से कमाई तो हो रही है लेकिन मंदिरों के विकास को लेकर कोई भी कार्य नहीं हुआ है ऐसे कुछ एक मंदिरों का मामला सरकार के पास लंबित है जबकि कुछ मंदरों को नए सिरे से अधिग्रहण किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि सरकार द्वारा राजधानी के ठीक बीचोंबीच बने कालीबाड़ी मंदिर सहित ढिंगू माता मंदिर व कामना देवी मंदिर का जल्द अधिग्रहण किया जा सकता है।

जहां झगड़ा है वहां ट्रस्ट बनाना जरूरी
जिस भी मंदिर कमेटी में झगड़ा है वहां पर ट्रस्ट बनाना आवश्यक है, लेकिन अधिकतर मंदिरों में ऐसा कुछ नहीं है। सूत्रों का कहना है कि प्रशासन को लगातार इस संंबंध में कुछ धर्म सभाएं शिकायत कर रही हैं लेकिन मंदिर कमेटियों के कारदार पदाधिकारी सरकार की अपनी ऊंची पहुंच की धौंस दिखाकर किसी प्रकार की कार्रवाई से नहीं डरते हैं, ऐसे में अब जल्द इन मंदिरों का अधिग्रहण किया जा सकता है।

पूर्व सरकार के समय से लंबित है कालीबाड़ी मंदिर का मामला
राजधानी के बीचोंबीच बने प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर के बारे में सूत्र बताते हैं कि इस मंदिर की कमाई करोड़ों रुपए वर्ष में आंकी गई है और इसकी असैसमैंट रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी गई है। मंदिरों की कमाई को हालांकि गौवंश संरक्षण के लिए लगाने पर सरकार ने निर्देश जारी किए हैं लेकिन जिन मंदिरों का सरकार के पास कोई हिसाब नहीं है वहां पर मंदिरों की कमाई कहां जा रही है इसका ब्यौरा सरकार के पास भी उपलब्ध नहीं है।


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Ekta

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