क्या मंडी लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत में नोटा बना रोड़ा?

punjabkesari.in Tuesday, Nov 02, 2021 - 06:46 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा और तीन विधानसभा क्षेत्रों फतेहपुर, अर्की व जुब्बल-कोटखाई में हुए उपचुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। कांग्रेस प्रत्याशियों ने चारों सीटों पर विजय परचम लहरा दिया है जबकि सत्ता में काबिज भाजपा को चारों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि मतगणना के दौरान दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी समय-समय पर बढ़त बनाते नजर आए। उपचुनावों में हुई भाजपा की हार के कई कारण सामने आ रहे हैं परंतु कयास यह भी लगाया जा रहा है कि चुनाव के दौरान जो नोटा का बटन दबा है, वो भी भाजपा की हार का एक कारण हो सकता है। मतदान के दौरान जितनी बार नोटा का बटन दबा है वो कहीं भाजपा के खिलाफ ही तो नहीं रहा है। यह भी माना जा रहा है कि पार्टियों में हुई बगावत ने भी नोटा के बटन पर जोर दिया होगा।

मंडी लोकसभा सीट पर उपचुनाव के दौरान सबसे अधिक 12661 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया है। वहीं तीनों विधानसभा क्षेत्रों में कम लोगों ने नोटा को तव्ज्जो दी है। अर्की में 1626, फतेहपुर में 389 और जुब्बल-कोटखाई में 176 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया है। मंडी में दोनों पार्टियों के लिहाज से देखा जाए तो नोटा का यह बटन किसी पार्टी के पक्ष में दबता तो कांग्रेस की जीत का अंतर अधिक हो सकता था या जनता का फैसला बदल भी सकता था। मंडी में प्रतिभा सिंह ने 8766 मतों से जीत दर्ज की है। अगर नोटा की जगह कांग्रेस के पक्ष में मतदान होता तो जीता का आंकड़ा 21427 हो सकता था। यदि भाजपा के पक्ष में मतदान होता तो खुशाल सिंह 3895 मतों से विजयी भी हो सकते थे।

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Content Writer

Vijay

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