आचार संहिता लगी तो दशहरे में गायब रहेगी सियासी रौनक

punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2017 - 12:43 PM (IST)

कुल्लू: सितम्बर महीने के अंतिम दौर तक प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लग गई तो अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव से सियासी रौनक गायब रहेगी। मुख्यमंत्री सहित अन्य कोई भी मंत्री व विधायक दशहरा उत्सव में अतिथि की भूमिका में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। हालांकि उत्सव के दौरान देव समाज से जुड़े लोगों सहित अन्य लोगों को सरकार से कई तरह की उम्मीदें रहती हैं लेकिन चुनाव आचार संहिता के चलते सरकार के हाथ बंध जाएंगे और न ही जनहित में किसी तरह की कोई बड़ी घोषणा हो सकेगी। उत्सव में बतौर अतिथि बनकर आने के लिए मुख्यमंत्री या प्रदेश के किसी अन्य मंत्री को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ेगी। हालांकि इस झंझट में कोई पड़ना नहीं चाहता। देवी-देवताओं की नजराना राशि में बढ़ौतरी की घोषणा हर वर्ष मुख्यमंत्री दशहरा उत्सव में ही करते रहे हैं। पिछले वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय दशहरा उत्सव के अंतिम दिन मुख्यमंत्री ने देवी-देवताओं की नजराना राशि को बढ़ाने की घोषणा लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में की थी।


देवी-देवताओं की नजराना राशि में 5 फीसदी की है बढ़ौतरी
अबकी बार दशहरा कमेटी की बैठक में शिमला में ही मुख्यमंत्री ने देवी-देवताओं की नजराना राशि में 5 फीसदी की बढ़ौतरी कर दी। इस बढ़ौतरी को पहले किए जाने के पीछे कई लोग तर्क दे रहे हैं कि दशहरा उत्सव शुरू होने तक चुनाव आचार संहिता लग सकती है। इसलिए देवी-देवताओं की नजराना राशि पहले ही बढ़ा दी गई है। 


प्रदेश सरकार फ्री हैंड रही तो मिल सकते हैं कई लाभ
उत्सव के दौरान तक यदि प्रदेश सरकार फ्री हैंड रहे तो इसका लाभ देव समाज से लेकर हर तबके को मिल सकता है। मुख्यमंत्री कुल्लू आने पर कई घोषणाएं कर सकते हैं और कई तरह की सौगात कुल्लू वासियों को दे सकते हैं। चुनाव आचार संहिता के चलते सरकार के हाथ बंध जाएंगे और कुल्लू को वह सब कुछ नहीं मिल पाएगा जो मिलना चाहिए। जिला देवी-देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ने कहा कि देवी-देवताओं की नजराना राशि में कम से कम 15 फीसदी तक बढ़ौतरी होनी चाहिए थी।


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