CM के गृह जिला मंडी को मिली नई जिप अध्यक्ष, चुनावों में कौल की बेटी को 10 मतों से किया था पराजित

punjabkesari.in Saturday, Aug 11, 2018 - 04:00 PM (IST)

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला की मंडी जिला परिषद को नई अध्यक्ष मिल गई है। शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा समर्थित कुम्मी वार्ड की सदस्य सरला ठाकुर ने पूर्व में रही अध्यक्ष चंपा ठाकुर को सीधे मुकाबले में 10 मतों से हराकर कुर्सी पर कब्जा जमा लिया। 36 सदस्यों की मंडी जिला परिषद में सरला ठाकुर को 23 मत पड़े जबकि चंपा ठाकुर को मात्र 13 वोट मिले जिनमें से 3 वोट वामपंथी पार्षदों के थे। उल्लेखनीय है कि अढ़ाई वर्ष पहले कांग्रेस के शासन में चंपा ठाकुर भाजपा समर्थित टांडू वार्ड की पमिता शर्मा को पराजित कर जिला परिषद अध्यक्ष बनी थीं मगर सत्ता परिवर्तन के बाद से ही चंपा ठाकुर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अढ़ाई साल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता और जैसे ही यह समय पूरा हुआ भाजपा समॢथत पार्षदों की ओर से चंपा ठाकुर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें इस पद से हटा दिया गया। 

महेंद्र सिंह की रणनीति पड़ी कौल सिंह पर भारी
इस पूरे प्रकरण में आई.पी.एच. मंत्री महेंद्र सिंह की रणनीति काम आई। हालांकि मंडी-कुल्लू प्रवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी कांग्रेस समर्थित सदस्यों को चंपा ठाकुर के पक्ष में मतदान करने के निर्देश दिए थे। सिंह ने पिछले 2 दिनों से मंडी में डेरा डालकर न केवल भाजपा समर्थित जिला परिषद सदस्यों से संपर्क साधकर उन्हें सरला ठाकुर के पक्ष में मतदान करने को राजी कर लिया बल्कि कांग्रेस के खेमे में भी सेंध लगाकर 7 पार्षद सरला के पक्ष में राजी कर लिए। 

जिला परिषद में पार्टी समर्थित सदस्यों की स्थिति के हिसाब से यहां कांग्रेस और भाजपा समर्थित 16-16 सदस्य हैं। एक सदस्य आजाद और 3 वामपंथी सदस्य हैं। इन तीनों वामपंथी सदस्यों ने अढ़ाई साल पहले हुए चुनाव का बहिष्कार किया था। उस दौरान चंपा ठाकुर को 19 और पमिता को 14 मत मिले थे मगर अब बाजी पलट गई। महेंद्र सिंह की रणनीति के चलते कांग्रेस के 7 पार्षदों के मत सरला ठाकुर को मिले, जिसमें ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा व जिला परिषद के उपाध्यक्ष पूर्ण ठाकुर की भूमिका महत्वपूर्ण रही। 

जिप अध्यक्ष की जीत सरकार के 7 महीने के काम पर मोहर: महेंद्र 
आई.पी.एच. मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि कौल सिंह ठाकुर ने इस प्रकरण में अपनी राजनीतिक साख तो गंवाई है, वहीं इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को शामिल कर उनकी राजनीतिक साख पर भी बट्टा लगा दिया जबकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला में भाजपा समर्थित जिप अध्यक्ष बनने से इसका संदेश पूरे हिमाचल में गया है कि सरकार के 7 महीने के शासन में जयराम सरकार ने जनहित के कार्य कर अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Ekta

Recommended News

Related News