रास्ता बंद किया, पहाड़ों पर चढ़े फिर गिराए पत्थर, जानिए आखिर क्यों
punjabkesari.in Tuesday, Aug 31, 2021 - 11:51 AM (IST)

किन्नौर: निगुलसरी की पहाड़ी से गिरते पत्थरों से खतरा अभी भी बरकरार था। नीचे हाइवे पर वाहनों की आवाजाही थी और फिर से कोई बड़ा हादसा होने की आशंका थी, इसलिए प्रशासन ने सोमवार को हाइवे को बंद किया और फिर पहाड़ी पर चढ़कर कमजोर चट्टानों को नीचे गिराया, ताकि संभावित हादसे को टाला जा सका। किन्नौर निगुलसरी की पहाड़ी पर सोमवार सुबह 9 बजे से शाम छह बजे तक कमजोर चट्टानों को गिराने का कार्य चलता रहा। इस दौरान एनएच-5 पर वाहनों की आवाजाही बंद रखी गई। उपायुक्त आबिद हुसैन ने इस संबंध में लोगों को पहले ही सूचना दे दी थी। शाम छह बजे के बाद मार्ग पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई।
निगुलसरी के पास थाच नाले में 11 अगस्त को पहाड़ी से भारी भरकम चट्टानें गिरने और भूस्खलन के कारण निगम की बस, टिप्पर और अखबार की गाड़ी सहित करीब आधा दर्जन वाहन हादसे का शिकार हो गए थे। इस हादसे में 28 लोगों की जान चली गई थी। हादसे के बाद भी यहां पहाड़ी से चट्टानें दरकने का सिलसिला नहीं थमा, जिसके चलते जिला प्रशासन ने एनएच प्राधिकरण को 30 अगस्त को जोखिम भरी चट्टानों को हटाने के निर्देश दिए थे। सोमवार को नेशनल हाईवे प्राधिकरण के एक्सईएन रामपुर किन्नौर केएल सुमन और कनिष्ठ अभियंता मोहन मेहता की मौजूदगी में सुबह 9 से शाम 6 बजे तक प्राधिकरण के 15 मजदूरों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पहाड़ी पर चढ़कर संभावित क्षेत्रों से ढीले बोल्डरों और चट्टानों को युद्धस्तर पर कार्य कर गिराया।
प्रशासन के निर्देशानुसार एनएच प्राधिकरण ने खिसक रही चट्टानों को गिराने का कार्य दिन भर जारी रखा। प्राधिकरण के मजदूरों ने विपरीत परिस्थितियों में कार्य कर पहाड़ी से बने जोखिम को कम कर दिया है। निगुलसरी में पहाड़ी से लगातार चट्टानों के गिरने से एनएच पांच पर सफर करना खतरों भरा बना हुआ था। इससे जनजातीय जिले की 75 पंचायतों के हजारों लोग खतरों के साये में सफर करने को मजबूर थे। यही नहीं यहां आने वाले पर्यटकों को भी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा था। इसके बाद जिला प्रशासन किन्नौर ने एनएच प्राधिकरण को सुरक्षा के दृष्टिगत पहाड़ी पर ढीली चट्टानों को गिराने के निर्देश दिए थे और चट्टानें गिराने के लिए सोमवार का दिन तय किया गया था। एनएच प्राधिकरण के मजदूरों ने जान जोखिम में डालकर पहाड़ी के संभावित स्थानों से ढीली चट्टानों को गिराया और इससे कल्पा, पूह और निचार खंड के हजारों लोगों को आने वाले दिनों में यहां से सफर करना खतरों भरा नहीं रहेगा।