''वफादार जानवर'': हिमाचल में आधी रात को डॉगी ने बचाई 67 लोगों की जान, जानिए क्या थी वजह?
punjabkesari.in Tuesday, Jul 08, 2025 - 04:01 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में 30 जून और 1 जुलाई को हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। लगातार 30 घंटे की बारिश ने कई इलाकों में ऐसे जख्म दिए हैं, जिन्हें भुलाना मुश्किल होगा। मंडी जिले की सराज घाटी और धर्मपुर उपमंडल के लौंगणी के स्याठी गांव में कुदरत का ऐसा कहर बरपा कि पूरा गांव ही मलबे में दब गया। हालांकि, इस दौरान एक पालतू कुत्ते ने अपनी समझदारी से करीब 67 लोगों की जान बचाई, जिसकी कहानी अब हर जुबां पर है।
स्याठी गांव में 30 जून की रात को जब भारी बारिश हो रही थी, तो नरेंद्र नाम के शख्स के घर का कुत्ता जोर-जोर से भौंकने लगा। नरेंद्र उस समय घर की दूसरी मंजिल पर सो रहे थे। कुत्ते की लगातार भौंकने की आवाज सुनकर नरेंद्र की नींद खुली और उन्होंने देखा कि घर की दीवार में दरार आ गई है और पानी तेजी से अंदर घुसने लगा है। यह देखते ही नरेंद्र तुरंत नीचे भागे और अपने परिवार को जगाया। उन्होंने तत्काल पूरे परिवार को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा।
यहीं नहीं, नरेंद्र ने गांव के अन्य लोगों को भी भूस्खलन के खतरे से आगाह किया और उन्हें सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा। उनकी बात मानकर कई गांव वाले समय रहते अपने घरों से निकल गए और उनकी जान बच गई। स्याठी गांव के प्रभावित लोगों के लिए पिछले सात दिनों से त्रियंबला गांव में नैना देवी मंदिर की सराय में एक राहत शिविर लगाया गया है। इस आपदा में गांव के कुल 26 घरों को नुकसान पहुंचा है और 67 लोग प्रभावित हुए हैं। दुखद बात यह है कि इस प्राकृतिक आपदा में कुल 76 पशुओं की भी मौत हुई है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2 जुलाई को गांव का दौरा किया और प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।