परिवारवाद की राजनीति पर बुटेल ने दिया बड़ा बयान, जानने के लिए पढ़ें खबर

punjabkesari.in Thursday, Nov 16, 2017 - 12:50 AM (IST)

पामलपुर: पालमपुर में कांग्रेस की राजनीति के पर्याय रहे बृज बिहारी लाल बुटेल ने इस बार चुनावी राजनीति से किनारा कर लिया। 5 बार पालमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए बृज बिहारी लाल बुटेल ने प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिव व मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में कार्य करने के अतिरिक्त मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार के रूप में भी अपना दायित्व निभाया। वर्तमान में वह हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं। बृज बिहारी लाल बुटेल से पंजाब केसरी के संवाददाता ने विशेष बातचीत की। पेश हंै उनसे बातचीत के अंश :

राजनीति से संन्यास के बाद कैसा अनुभव कर रहे हैं?
राजनीति में युवाओं को अवसर देने के लिए मैंने चुनाव न लडऩे का निर्णय लिया। यद्यपि अभी और चुनाव लड़ सकता था, मेरे से अधिक आयु के प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में हैं। चूंकि युवाओं में अधिक ऊर्जा होती है तथा युवा आवाज को युवा अधिक बेहतर ढंग से सुन सकते हैं, ऐसे में युवाओं को अवसर देने के लिए मैंने चुनावी राजनीति से हटने का निर्णय लिया। चुनावी राजनीति से हटने के बाद भी मार्गदर्शन के रूप में अपनी सेवाएं देता रहूंगा। अपने राजनीतिक जीवन से संतुष्ट हूं, ऐसे में अच्छा अनुभव हो रहा है।

आशीष को लेकर क्या कहना है आपका, चुनाव जीतेंगे, कैसे?
आशीष बुटेल गत लगभग 15 वर्ष से मेरे साथ राजनीति में हाथ बटाते रहे हैं। पार्टी में भी विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं। आशीष लोगों की सहायता करते रहते हैं तथा युवा होने के नाते वह अधिक दौड़-धूप कर सकते हैं। राजनीति में सक्रियता, जनमानस की आकांक्षाओं पर खरा उतरने की क्षमता तथा लोगों के साथ सीधा संपर्क व अब तक के राजनीतिक जीवन में संगठन व युवाओं की भावनाओं पर खरा उतरना, यही उनकी जीत का कारण रहेगा।

राजनीति बारे कोई अच्छी बात जो आपको अच्छी लगी?
राजनीति में लगभग 35 वर्ष मैंने विधायक, मंत्री तथा विभिन्न पदों पर कार्य किया। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में भी मुझे कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। गरीब लोगों के कार्यों को अधिमान तथा सरकार की नीतियों को लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया। राजनीति में रहते हुए जनसेवा मेरे राजनीतिक जीवन का सुखद पहलू रहा।

वीरभद्र सिंह के बारे में क्या कहते हैं आप?
वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश के एक ऐसे कद्दावर नेता हैं जिनकी हिमाचल के बाहर भी पैठ है। वीरभद्र सिंह प्रत्येक कठिनाई का सामना आगे बढ़ कर करते हैं तथा हिमाचल की उन्नति व विकास में उनका सबसे अधिक योगदान रहा है। सभी विधायकों को एकजुट करने की प्रेरणा भी उनका विशेष पहलू रहा है। यही कारण है कि वह 13वीं विधानसभा में हिमाचल के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

गोकुल का टिकट कटा, आशीष का साथ दिया होगा?
मुझे नहीं लगता कि गोकुल बुटेल पालमपुर से टिकट की दौड़ में थे। जिस प्रक्रिया के पश्चात टिकट के लिए नाम भेजे जाते हैं, उस प्रक्रिया से उनका नाम नहीं भेजा गया था। हो सकता है कि उनकी इच्छा टिकट प्राप्त करने की रही हो परंतु टिकट मिलने या न मिलने से उनका कोई संबंध नहीं है। रही बात समर्थन की तो चुनाव में प्रत्येक वर्ग का समर्थन कांग्रेस के साथ रहा।

कोई ऐसे काम जिनके न हो पाने का गम?
राजनीति में रहते हुए बहुत से कार्य करवाने का अवसर प्राप्त होता है। बहुत से कार्य नहीं भी हो पाते हैं परंतु यदि आपने सच्चे मन तथा निष्ठा से कार्य करने का प्रयास किया है तथा कार्य नहीं भी हो पाया है तब भी आपके मन में किसी प्रकार का गिला-शिकवा नहीं रहता है। लोगों की भावनाओं के अनुरूप कार्य करने का प्रयास किया। अच्छे कार्य से भी कई बार कई लोग नाराज हो जाते हैं परंतु उन्होंने राजनीतिक जीवन में जो भी कार्य किए उनसे वह संतुष्ट हैं तथा किसी प्रकार का उनके मन में कोई गम या गिला नहीं है।

विपक्ष ने निशाना साधा कि परिवारवाद, क्या कहते हैं आप?
परिवारवाद व्यर्थ की बात है तथा यह हौवा मात्र चुनाव के समय में ही खड़ा किया जाता है। लोग परिवारवाद के नाम पर नहीं अपितु प्रत्याशी के गुण व दोष के आधार पर वोट देते हैं। परिवारवाद की बात वही लोग उठाते हैं जो या तो उस पद के योग्य नहीं होते या जिन्हें अवसर नहीं मिल पाता। लोकतंत्र में जिसे लोग चाहेंगे, वही आगे बढ़ पाता है। लोग उन्हें ही चुनते हैं जिन्हें वे पसंद करते हैं तथा जो उनकी भावनाओं के अनुरूप कार्य करने के सक्षम हों।

बागी बैनी प्रसाद कहते हैं कि आपने उनको 2012 में यह कह कर बैठा दिया था कि अगली बार उनको टिकट मिलेगा, कितना सच है?  
इस पर उन्होंने कहा कि  वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के समय बैनी प्रसाद से वर्ष 2017 में टिकट दिलवाने का कोई वायदा नहीं हुआ था। यह बात पूरी तरह से भ्रामक तथा निराधार है। जो व्यक्ति पिछले लगभग डेढ़ दशक से मेरा विरोध करता आ रहा है, उससे ऐसा वायदा नहीं किया जा सकता।

राजनीति से संन्यास के बाद अब क्या करने का प्लान 
जनसेवा की भावना से अब तक कार्य किया है, आगे भी जनसेवा के कार्य जारी रखूंगा।


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