बिना पीईक्यू के बांट दिए इटली से लाए गए सेब के पौधे
punjabkesari.in Saturday, Jul 24, 2021 - 03:21 PM (IST)

शिमला : सेब के पौध इटली से आयात करने वाले मैसर्ज फ्रूट केयर एग्रो ने लापरवाही की सभी हदें पार कर दी है। केंद्र के इंटीग्रेटिड पेस्ट मैनेजमेंट सेंटर और नोणी यूनिवर्सिटी की संयुक्त जांच में पीईक्यू साइट पर घोर अनियमिताएं पाई गई है। जांच दल ने केंद्र में संयुक्त सचिव प्लांट प्रोटेक्शन कृषि और राज्य के बागवानी विभाग को पत्र लिखकर आयातक के खिलाफ कडत्री कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। फ्रूट केसर एग्रो पर आरोप है कि उसकी बलदेयां की धगोगी पीईक्यू साइट पर इटली से लाए गए 50,533 सेब के पौधों व फ्रूट स्टाॅक में से मात्र 300 ही साइट पर मिले हैं। उनकी भी सही से देखरेख नहीं की जा रही है।
पीईक्यू साइट पर बाढ़बंदी और जरूरी साइन बोर्ड भी नहीं लगाए गए, जो कि मानक संचालन प्रक्रिया केंद्र के पीईक्यू एक्ट 2003 के नियमों और हिमाचल प्रदेश फ्रूट नर्सरी एक्ट 2019 संशोधित का घोर उल्लंघन है। जांच टीम ने आशंका जताई है कि आयोत किए गए 50,233 पौधे बिना क्वांरटीन किए गलत हाथों में दे दिए गए हैं। इससे 4500 करोड़ रूपए के सेब उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पीईक्यू एक्ट में यह अनिवार्य
जब कोई आयातक किसी देश से फलदार पौधे आयात करता है तो उन्हें एक साल तक पौधे विशेषज्ञ की देखरेख में रखने होते हैं। इस दौरान भारत सरकार द्वारा हैजिनेटिड आॅफिसर 2 से 3 बार पीईक्यू साइट का निरीक्षण करते हैं। इस दौरान देखा जाता है कि आयतित पौधों में किसी तरह का कोई रोग तो नहीं है। यदि कोई बीमारी पाई जाती है तो उन पौधों को बगीचों में लगाने और बागवानों को बांटने की इजाजत नहीं दी जाती है।
बागवानी निदेशक जेपी शर्मा का कहना है कि नौणी यूनिवर्सिटी ने बागवानी विभाग को पत्र लिखा है। इसमें मैसर्ज फ्रूट केयर एग्रो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। बागवानी विभाग देख रहा है राज्य के नर्सरी रजिस्ट्रेशन एक्ट के मुताबिक क्या कार्रवाई बनती है और किस स्तर का उल्लंघन किया है। प्रभारी सीआईपीएम जितेंद्र कुमार ने कहा कि मैसर्ज फ्रूट केयर ने सारी हदें पार कर दी है। पीईक्यू साइट की जांच के बाद केंद्र में प्लांट प्रोटेक्शन एडवायजर अथोर्रिटी को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई करने की सिफारिश की है। अब अथाॅरिटी को एक्शन लेना है। बिना पीईक्यू के पौधे लगाना सेब उद्योग को तबाह कर सकता है।