इस जिला के लोगों ने महंगी शादियों से बचने के लिए निकाला यह तरीका, पढ़ें खबर

punjabkesari.in Friday, Dec 01, 2017 - 08:26 PM (IST)

हमीरपुर: लोग देखादेखी में शादियों पर लाखों रुपए पानी की तरह बहा रहे हैं जिससे आम और मध्यमवर्गीय लोगों के लिए शादी समारोह का आयोजन टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। हमीरपुर जिला जहां प्रदेश का सबसे साक्षर जिला है, वहीं बचत के लिहाज से भी हमीरपुर जिला के लोग प्रदेश भर में पहले पायदान पर हैं। दूसरी तरफ हमीरपुर में लोग शादी समारोहों पर एक रात के 10 से 30 लाख रुपए तक का खर्चा कर रहे हैं। शहर के होटलों व पैलेस में महंगी शादी रचाने के लिए अमीरों में होड़ लगी हुई है।, वहीं मध्यम वर्ग व गरीब लोग शादियों में 500 रुपए से 5100 रुपए की पर्ची कटा कर पूरे हिन्दू रीति-रिवाज से शादियां रचा रहे हैं। 
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टौणीदेवी माता मंदिर में एक हफ्ते में हुई एक दर्जन शादियां
हमीरपुर जिला मुख्यालय से करीब 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित हमीरपुर-अवाहदेवी हाईवे पर स्थित साढ़े 300 साल पुराने ऐतिहासिक चौहान वंश की कुलदेवी माता मंदिर टौणीदेवी में एक सप्ताह में करीब एक दर्जन शादियां हुईं जिनमें बरेली, चम्बा, सुंदरनगर सहित प्रदेश व देश भर से लोगों ने आकर अपने शादी समारोह आयोजित किए, जिससे चौहान वंश की कुलदेवी माता टौणीदेवी माता का मंदिर आजकल शादी समारोहों से गुलजार है, वहीं शादी समारोह के आयोजन से मंदिर कमेटी की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो रही है जिससे मंदिर परिसर में सराए भवनों के निर्माण के साथ ही लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हंै।

500 से 5100 रुपए तक की रसीद काटती है मंदिर कमेटी
मंदिर कमेटी के सदस्य सरवन चौहान, प्रकाश चंद चौहान, तिलक राज, मस्त राम चौहान सहित अन्य ने बताया कि चौहान वंश की कुलदेवी में एक सप्ताह में करीब एक दर्जन शादी समारोह आयोजित हो चुके हैं। जिससे मंदिर कमेटी की आर्थिकी भी सुदृढ़ हो रही है। उन्होंने कहा कि चम्बा, सुंदरनगर, कुल्लू, रामपुर व बरेली के लोगों ने आकर मंदिर में अपने बच्चों की सस्ती शादियां करवाईं। उन्होंने बताया कि मंदिर कमेटी एक शादी के 500 से लेकर 5100 रुपए तक की रसीद काटती है जिससे मंदिर परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाता है।


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