Weather : हिमाचल में 27 जुलाई तक यैलो अलर्ट, जानिए कब तक खराब रहेगा मौसम

punjabkesari.in Sunday, Jul 23, 2023 - 10:52 PM (IST)

शिमला (संतोष): इस माह लोगों को मौसम राहत देने वाला नहीं है। यानी बरसात के कारण मिलने वाले जख्म अभी और गहरे होंगे क्योंकि मौसम विभाग के अनुसार 29 जुलाई तक मौसम खराब रहेगा जबकि 27 जुलाई तक भारी बारिश, बिजली गरजने, बाढ़ आने की संभावना है। 24 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में मात्र 30 दिनों में 158 लोगों की जान चली गई है जबकि 51.15 अरब की संपत्ति को नुक्सान पहुंचा है। पिछले 24 घंटों में ही 4 लोगों की मौत और साढ़े 38 करोड़ रुपए की संपत्ति को चपत लगी है। नुक्सान की बात करें तो जलशक्ति विभाग को 1475.69 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 1666.58 करोड़ रुपए, विद्युत बोर्ड को 1482.72 करोड़ रुपए, बागवानी विभाग को 144.88 करोड़ रुपए व अर्बन डिवैल्पमैंट को 6.47 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है। भूस्खलन की 66 और बाढ़ आने की 48 घटनाएं घटित हो चुकी हैं। 

रविवार को इन जगहों पर बरसे मेघ
धौलाकुआं में रविवार को अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री, भरमौर में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री, शिमला में अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री रहा है। रविवार को शिमला में 2, सुंदरनगर में 3, ऊना में 1, सोलन में 22.4, सराहां (सिरमौर) में 3.5, अणु में 1 व बजौर में 4.5 मिलीमीटर वर्षा हुई है जबकि पिछले 24 घंटों में नाहन में 5, जाटों बैराज में 5, नगरोटा सूरियां में 4, भरमौर में 3, गुलेर में 3, देहरा गोपीपुर में 3, घमरूर में 3, टिंडर में 3, रेणुका/ददाहू में 2, पालमपुर में 2, डल्हौजी में 2, चम्बा में 2, कांगड़ा में 2, ऊना में 2, धर्मशाला में 2, नादौन में 1, पच्छाद में 1, कंडाघाट में 1, सोलन में 1, ऊना में 1, नयनादेवी में 1, मनाली में 1, नारकंडा में 1, करसोग में 1 व शिलारू में 1 मिलीमीटर वर्षा हुई है। 

बढ़ती जा रही है बादल फटने की घटनाएं 
हिमाचल में बादल फटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। शनिवार को कुल्लू व शिमला में बादल फटे हैं, वहीं अलग-अलग हादसों में 7 मौतें भी हुई हैं। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ताजा पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश के 2 जिलों को छोड़ बाकी जिलों में भारी वर्षा का यैलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कुछ स्थानों पर यातायात, संचार, बिजली और अन्य सेवाओं के प्रभावित होने का अनुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डाॅ. सुरेंद्र पाल का कहना है कि जब एक स्थान पर 10 सैंटीमीटर या इससे अधिक पानी प्रति घंटे के हिसाब से गिरे तो उसे बादल फटना कहते हैं। इस बार हिमाचल में पहले ही अरब सागर का मानसून अधिक स्ट्रांग था, उस पर पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो गया, जिस कारण प्रदेश में ज्यादा बारिश हुई। जून से सितंबर तक मानसून सीजन में जितनी बारिश होती है, इस बार उसकी 29 प्रतिशत बारिश 4 दिन में ही हो गई। इस बार 7 से 11 जुलाई तक ही 223 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। 

4 एनएच, 696 सड़कें, 1052 ट्रांसफार्मर व 464 पेयजल योजनाएं ठप्प
मानसून में भारी बारिश के कारण तबाही का मंजर जारी है और भारी बारिश व बाढ़ के कारण आई आपदा के बावजूद मिले जख्मों से उभरने का मौका ही नहीं मिल रहा है। राज्य में एक माह के बाद भी 4 नैशनल हाईवे, 696 सड़कें, 1052 बिजली ट्रांसफार्मर और 464 पेयजल योजनाएं ठप्प पड़ी हुई हैं। संपर्क सड़कों में सबसे अधिक शिमला जोन में 422, मंडी जोन में 196, कांगड़ा जोन में 65 और हमीरपुर जोन में 9 शामिल हैं। शिमला में 381, सिरमौर में 250, मंडी में 102, कुल्लू में 155 व चम्बा में 155 ट्रांसफार्मर, चम्बा में 33, मंडी में 91, शिमला में 245 व सिरमौर में 86 पेयजल योजनाएं अभी भी बंद हैं। 

हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News