बेटा लाइलाज बीमारी का शिकार, मां खुद बीमार, अब है फरिश्ते का इंतजार

punjabkesari.in Saturday, May 29, 2021 - 07:51 PM (IST)

जोल (नरेन्द्र शर्मा): पति की मौत हो चुकी है तो 20 वर्षीय बेटा लाइलाज बीमारी के चलते बिस्तर पर पड़ा हैं तो वहीं मां खुद बीमार है। एक छोटा बेटा जो अपने घर की लाचारी को देख रहा है, बड़े भाई को पीठ पर उठाकर बाथरूम तक पहुंचाता है। महिला का ससुर पिछले कई वर्षों से लापता है। मजबूरी देखिए कि न जमीन अपने नाम और न ही किसी सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है। बेटे की बीमारी के चलते मां दिहाड़ी-मजदूरी भी नहीं कर सकती है। आय के नाम पर केवल सामाजिक सुरक्षा पैंशन अपंगता प्रमाण पत्र के आधार पर मिल रही है। यह स्थिति है उपमंडल अम्ब के तहत गांव चौआर की अंजना की। घर में केवल 3 सदस्य हैं और बदतर हालात के बीच अंजना जीवनयापन कर रही है। ग्राम पंचायत चौआर की इस महिला के जीवन में कोई उम्मीद की किरण नहीं है। आखिर यह करे भी तो क्या? 2 बेटों में से बड़ा बेटा लाइलाज बीमारी का शिकार हो गया। उपचार करते-करते हालात काफी खराब हो गए। पूरा दिन 20 वर्षीय बेटे की देखभाल में गुजर जाता है, ऐसे में घर का गुजारा कैसे चले, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।

घर के भी हैं कई हिस्सेदार

अंजना कुमारी कहती हैं कि जिस कच्चे घर में वह रहते हैं वह उसके ससुर ने बनाया था। इसमें कई हिस्सेदार हैं। ससुर पिछले कई वर्षों से रहस्यमयी स्थिति में लापता हो चुके हैं, ऐसे में जमीन उनके नाम पर ट्रांसफर नहीं हो सकी है जिसके तहत बीपीएल या अन्य योजनाओं के तहत घर का निर्माण भी नहीं कर सकती। दशकों पुराना घर अब धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होता जा रहा है। जब उसके पास खाने-पीने के लाले पड़े हैं तो ऐसे में इसकी मुरम्मत कैसे करवाए।

बीमार बेटे का चाह कर भी नहीं करवा सकती उपचार

छोटा 12 वर्षीय बेटा मां और बीमार भाई की मदद करता है। घर की स्थिति काफी खराब है। अंजना इन बदतर हालातों पर रोने लगती हैं। वह कहती है कि उसने सोचा नहीं था कि जीवन में ऐसे भी कष्ट भरे दिन आएंगे। बीमार बेटे का चाह कर भी उपचार नहीं करवा सकती। ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसका कुछ नहीं हो सकता लेकिन उसके पास इतने साधन भी नहीं कि वह उसे यूं तड़पता न देख पाए। अंजना कहती है कि उसका बेटा अभिलाष पहले तो ठीक था। उसे पढ़ाया भी गया। वह पढ़ने में होशियार था लेकिन धीरे-धीरे बीमारी ने ऐसा जकड़ा कि बिस्तर पर ही निर्भर हो गया है। न तो खुद खाना खा सकता है और न ही बिना किसी सहारे के बैठ और चल सकता है। घर की दयनीय स्थिति इतनी कि 2 बेटे और मां अपने हालातों से बुरी तरह जूझ रहे हैं।

जमीन न होने के कारण घर बनाने में आ रही परेशानी

ग्राम पंचायत चौआर के उपप्रधान अवतार सिंह ने माना कि अंजना कुमारी की हालत काफी दयनीय है। आय का कोई साधन नहीं है। बेटा बीमार है और न ही किसी प्रकार की कोई उसके नाम पर जमीन है। इस परिवार को बीपीएल में तो डाला गया है लेकिन जमीन न होने के चलते इसके घर का निर्माण भी नहीं करवाया जा सकता है।

योजना का लाभ दिलाने का किया जाएगा प्रयास

विधायक बलवीर सिंह मानते हैं कि परिवार की स्थिति खराब है। अंजना के पति के निधन पर उन्होंने आॢथक सहायता भी की थी। विधायक ने कहा कि प्रयास किया जाएगा कि इन्हें किसी योजना का लाभ दिया जा सके।


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Content Writer

Vijay

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