Himachal: प्रदेश के हर घर व गऊशालाओं में की जाएगी पशुधन की गणना : चंद्र कुमार

punjabkesari.in Wednesday, Aug 21, 2024 - 06:08 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): प्रदेश के हर घर एवं गऊशालाओं में सितम्बर से दिसम्बर तक पशुधन की गणना की जाएगी। यह बात कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने बुधवार को शिमला में पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भारत सरकार एवं हिमाचल पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय 21वीं पशुधन गणना पर आधारित समस्त जिला नोडल अधिकारियों के लिए सॉफ्टवेयर और क्षेत्रीय विशिष्ट नस्लों पर एकदिवसीय प्रशिक्षण की अध्यक्षता करते हुए कही। चन्द्र कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर मोबाइल वैब एप्लीकेशन एवं डैशबोर्ड पर आधारित है, जिसमें पशुधन की विभिन्न नस्लें शामिल हैं।

यह गणना पूरे प्रदेश में सितम्बर से दिसम्बर तक की जाएगी। मंत्री ने कहा कि 21वीं पशुधन गणना प्रदेश के हर घर एवं गऊशालाओं में की जाएगी, ताकि गणना से पशुधन का परफैक्ट डाटा एवं विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विकास के लिए प्रभावी नीतियों और योजनाओं का क्रियान्वयन तभी सुनिश्चित हो सकता है जब हमारे पास पशुधन से संबंधित सही आंकड़े उपलब्ध हों। चंद्र कुमार ने कहा कि आज के दौर में कहीं न कहीं हमारी निर्भरता पशुधन पर कम हो गई है। गणना कार्यक्रम से हम इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं ताकि लोगों की आय में वृद्धि हो सके।

इस अवसर पर सचिव पशुपालन विभाग राकेश कंवर ने कहा कि पशुधन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में पशुधन की संख्या, प्रजाति और नस्ल पर सही आंकड़े एकत्रित करना है, ताकि भविष्य में ये आंकड़े नीति निर्धारण में सहायक सिद्ध हो सकें। प्रशिक्षण शिविर में निदेशक पशुपालन एवं डेयरी विभाग भारत सरकार डा. वी.पी. सिंह ने 21वीं पशुधन गणना कार्यक्रम पर अपनी विस्तृत बात रखी। वहीं निदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय पशु आनुवांशिक संस्थान ब्यूरो करनाल डा. बी.पी. मिश्रा ने पशुधन नस्लों पर अपनी प्रैजैंटेशन दी। निदेशक पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश डा. प्रदीप शर्मा ने पशुधन गणना को सफल बनाने का आश्वासन दिया। वहीं सॉफ्टवेयर की टीम ने जिला नोडल अधिकारियों एवं सुपरवाइजर को मोबाइल एप्लीकेशन एवं डैशबोर्ड पर विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया।

नस्ल वार स्वदेशी और विदेशी नस्लों पर आंकड़े होंगे एकत्रित
पशुधन गणना में मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधे, ऊंट और मुर्गी पालन सहित अन्य पशुधन शामिल होंगे। वहीं नस्ल-वार स्वदेशी और विदेशी नस्लों पर आंकड़े एकत्रित किए जाएंगे। हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के राजस्व ग्रामों में पशुधन की गणना सुनिश्चित की जाएगी।

आंकड़ों के सही संग्रहण के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता
पशुधन गणना के आंकड़ों का सही संग्रहण करने के लिए स्थानीय समुदायों को संगठित कर एवं उनके सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता लाई जाएगी। दक्षता और सटीकता बढ़ाने के लिए आंकड़ों के संग्रहण के लिए डिजिटल टूल और मोबाइल एप को शामिल किया गया है।


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Content Writer

Kuldeep

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