250 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले की धीमी जांच पर हाईकोर्ट ने जताया खेद

punjabkesari.in Monday, Apr 04, 2022 - 09:25 PM (IST)

शिमला, (मनोहर): प्रदेश उच्च न्यायालय ने 250 करोड़ के स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़े मामले में सी.बी.आई. की धीमी जांच पर नाराजगी जताते हुए सी.बी.आई. को जांच में तेजी लाकर इसे पूरा करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ा व्यक्त की है कि 6 महीने बीत जाने के बावजूद सी.बी.आई. घोटाले में संलिप्त संस्थानों व दोषियों के खिलाफ  एक भी चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी। सी.बी.आई. ने इस मामले में 7वीं स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की। स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार घोटाले में सी.बी.आई. द्वारा की गई अब तक की जांच में 1176 संस्थानों की संलिप्तता का पता चला है। 266 निजी संस्थानों में से 28 संस्थानों को छात्रवृत्ति घोटाले में संलिप्त पाया गया है। सी.बी.आई. की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 28 में से 11 संस्थानों की जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किए जा चुके हैं। 17 संस्थानों के खिलाफ  जांच अभी जारी है। अदालत ने हैरानी जताते हुए कहा कि 20 अक्तूबर, 2021 को जब इस मामले पर सुनवाई हुए थी, तब भी यही स्थिति थी।

मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफ ीक और न्यायमूॢत ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रार्थी श्याम लाल द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिकाकत्र्ता के अनुसार घोटाले की जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि छात्रवृत्ति की बड़ी राशि का दुरुपयोग किया गया था और राज्य के शैक्षणिक संस्थानों के अलावा भारत के अन्य राज्यों में स्थित अन्य शैक्षणिक संस्थान भी इस घोटाले में शामिल थे। नतीजतन राज्य सरकार द्वारा उचित और गहन जांच के लिए मामला सी.बी.आई. को सौंप दिया गया था। याचिकाकत्र्ता ने सी.बी.आई. जांच पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सी.बी.आई. सभी दोषी संस्थानों की जांच नहीं कर रही है। कोर्ट ने सी.बी.आई. को जांच तेजी से पूरी करने और सक्षम क्षेत्राधिकार वाले न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने का एक और मौका दिया। कोर्ट ने सी.बी.आई. को 20.04.2022 को मामले पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश भी दिए।


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Content Writer

Kuldeep

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