Shimla: न्यूनतम किराए में बढ़ौतरी व निजी बसों की पंजीकरण नीति में किया जाए बदलाव

punjabkesari.in Monday, Mar 31, 2025 - 09:00 PM (IST)

शिमला (राजेश): हिमाचल में न्यूनतम बस किराए में बढ़ौतरी, निजी बसों की पंजीकरण नीति में बदलाव व निजी बस ऑप्रेटरों को लगातार हो रहे घाटे व अन्य समस्याओं को लेकर निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर सोमवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मुलाकात की, वहीं उन्हें प्रदेश भर में निजी बस ऑप्रेटरों की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत करवाया कि किस तरह ऑप्रेटर घाटे में रहकर बसें चला रहे हैं।

बैठक की जानकारी देते हुए संघ के प्रदेश महासचिव रमेश कमल ने बताया कि इस मुलाकात में उपमुख्यमंत्री ने विस्तार से निजी बस ऑप्रेटरों का सुना और अधिकारियों को निर्देश दिए कि शीघ्र ही शिमला में एक विशेष बैठक का आयोजन किया जाए, जिसमें प्रदेश के निजी बस ऑप्रेटरों को आमंत्रित किया जाए। इस बैठक में प्रधान सचिव परिवहन, परिवहन निदेशक एवं सचिव राज्य परिवहन प्राधिकरण विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे और निजी बस ऑप्रेेटरों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार निजी बस ऑप्रेटरों की हर समस्या को गंभीरता से लेगी और समाधान के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

निजी बसों की पंजीकरण नीति में बदलाव
संघ ने उपमुख्यमंत्री के समक्ष मांग उठाई कि हिमाचल प्रदेश में अन्य वाहनों जैसे स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रक, ट्रैक्टर आदि को बाहरी राज्यों से खरीदकर पंजीकृत कराया जा सकता है, लेकिन निजी स्टेज कैरिज बसों पर यह प्रतिबंध लगाया गया है। संघ ने सरकार से मांग की कि इस भेदभाव को समाप्त किया जाए और निजी बस ऑप्रेटरों को भी बाहरी राज्यों से बस खरीदने और उन्हें हिमाचल प्रदेश में पंजीकृत कराने की अनुमति दी जाए।

इन मांगों पर हुई चर्चा
बैठक में महिलाओं निगम की बसों में किराए में दी जा रही 50 प्रतिशत छूट पर चर्चा की गई। संघ ने मांग की है कि या तो इस छूट को समाप्त किया जाए या निजी बसों में भी इसे लागू किया जाए। इसके अतिरिक्त एचआरटीसी को मिलने वाले वार्षिक 170 करोड़ रुपए के मुआवजे की तर्ज पर निजी बस ऑप्रेटरों को भी मुआवजा प्रदान किया जाए, ताकि व्यवसाय में संतुलन बना रहे। इसके अतिरिक्त न्यूनतम किराए में वृद्धि कर न्यूनतम किराया पंजाब राज्य के समान 15 रुपए किया जाए।

स्पेशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में छूट देकर समायोजित करने मांग
संघ अध्यक्ष ने बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री को बताया कि कोविड काल के ऋण माफी की मांग कोविड महामारी के दौरान तत्कालीन सरकार ने निजी बस ऑप्रेटरों को 2 लाख रुपए प्रति वर्ष की कार्य पूंजी विभिन्न बैंकों के माध्यम से जारी की थी, जिसका ब्याज 3 वर्षों तक सरकार द्वारा वहन किया जाना था। अब तक सरकार द्वारा यह ब्याज नहीं भरा गया, जिससे कई निजी बस ऑप्रेटर बैंक डिफॉल्टर हो चुके हैं। संघ ने मांग की है कि यदि सरकार ब्याज देने में असमर्थ है, तो यह राशि स्पैशल रोड टैक्स और टोकन टैक्स में छूट देकर समायोजित की जाए।

 


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Kuldeep

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